पशुपालन विभाग की टीम ने किया गलघोटू व मुंह-खुर टीकाकरण
पशुपालन विभाग की मोबाइल पशु रोग निदान प्रयोगशाला ने गांव बन में टीकाकरण किया। गांव से 25 पशुओं की खून की जांच के लिए सैंपल भी लिए। टीम में वेटरनरी सर्जन डा. उषा सैनी ने पशुओं की गहनता से जांच की।
संवाद सहयोगी, लाडवा : पशुपालन विभाग की मोबाइल पशु रोग निदान प्रयोगशाला ने गांव बन में टीकाकरण किया। गांव से 25 पशुओं की खून की जांच के लिए सैंपल भी लिए। टीम में वेटरनरी सर्जन डा. उषा सैनी ने पशुओं की गहनता से जांच की।
डा. उषा सैनी ने कहा कि पशुओं में मुख्य गलघोटू और मुंह खुर की बीमारी होती है। जिसके लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से इन्हें रोकने हेतु टीकाकरण किया जा रहा है। पशुओं को टीका लगाने से पहले खून का नमूना लिया जाता है और टीकाकरण के एक माह बाद दोबारा से सैंपल लिया जाता है। टीकाकरण से पशुओं के खून में कितनी रोग नाशक क्षमता बढ़ी है, इसकी जांच की जाती है। यह एक प्रकार से पशुओं का रिकार्ड तैयार किया जाता है, ताकि भविष्य में इन पर नजर रखी जा सके। उन्होंने बताया कि कई बार पशुओं का गर्भ गिर जाता है और आम किसान इसे सामान्य लेता है। कई बार इसकी जेर में जहरीले कीटाणु होते हैं जो न केवल साथ बंधे पशुओं, बल्कि पशु पालक तक को गंभीर रोग लगा सकते हैं। ऐसे में पशुपालक को तुरंत उस जेर को पशु अस्पताल में ले जाना चाहिए। जिसका साथ ही साथ निशुल्क जांच कर बता दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यह टीकाकरण बिल्कुल निशुल्क है। इसके साथ-साथ पशुपालकों को जागरूक भी किया जाता है। इस मौके पर रवि, सुरेश, डा. पवन वर्मा, प्रेम सागर, विनोद कौशिक मौजूद रहे।