बेमौसमी बारिश के बाद धान सुखाना बना चुनौती, मीलिग सौ रुपये क्विंटल करने की उठाई मांग

धान के सीजन में बेमौसमी बारिश की मार किसानों के साथ मिल मालिकों पर भी पड़ी है। मिल मालिकों के सामने धान को सुखाना बड़ी चुनौती बन गई है। अब उन्हें दो बार सुखाना पड़ेगा। इसके साथ मीलिग के समय चावल टूटने का भी खतरा बढ़ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 11:45 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 11:45 PM (IST)
बेमौसमी बारिश के बाद धान सुखाना बना चुनौती, मीलिग सौ रुपये क्विंटल करने की उठाई मांग
बेमौसमी बारिश के बाद धान सुखाना बना चुनौती, मीलिग सौ रुपये क्विंटल करने की उठाई मांग

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : धान के सीजन में बेमौसमी बारिश की मार किसानों के साथ मिल मालिकों पर भी पड़ी है। मिल मालिकों के सामने धान को सुखाना बड़ी चुनौती बन गई है। अब उन्हें दो बार सुखाना पड़ेगा। इसके साथ मीलिग के समय चावल टूटने का भी खतरा बढ़ गया है। मिल मालिकों ने सरकार से राहत पैकेज के साथ धान की मीलिग सौ रुपये प्रति क्विंटल करने की मांग की है।

रविवार और सोमवार को मध्यम से तेज बारिश होने से धान की आवक बंद हो गई थी। वहीं मंडियों में पड़ा हजारों क्विटल धान भी भीग गया था। मंगलवार को मौसम साफ होने के बाद धान की आवक फिर से तेज होने लगी है। ऐसे में मंडियों से धान के उठान की मांग आने लगी है। मिल मालिक हर मौसम में सरकार व किसानों के साथ रहे हैं। इस बार मिल मालिक इस नुकसान को सहने की क्षमता में नहीं हैं। मिल मालिकों को राहत पैकेज देने की मांग मुख्यमंत्री मनोहर लाल से भी की जाएगी। इसके साथ सीमावर्ती क्षेत्रों से धान की खरीद करने की भी मांग दोहराई है।

65 फीसद की जाएगी रिकवरी

हरियाणा राइस मिलर एसोसिएशन के चेयरमैन ज्वैल सिगला ने बताया कि बेमौसमी बारिश से धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है। सरकार को इसके लिए राहत पैकेज जारी करना चाहिए। इसके साथ धान में चावल की रिकवरी 64 फीसद व टुकड़ा 35 और डैमेज पांच फीसद करने की मांग की है। साथ ही धान की मीलिग 100 रुपये क्विंटल करने की मांग की है। उनका कहना कि मिलरों को धान दो बार में सुखाना पड़ेगा। ऐसे में उनका खर्च बढ़ेगा। सरकार को इसका अतिरिक्त खर्च देना चाहिए।

7.29 लाख क्विंटल धान खरीदा

डीसी मुकुल कुमार ने बताया कि जिले में धान की लगातार आवक हो रही है। जिले की मंडियों में 7.29 लाख क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है। इसमें से फुड एंड सप्लाई ने 5,59,798 क्विंटल, हैफेड ने 1,68,552 क्विंटल और एफसीआइ ने 216 क्विंटल धान की खरीद की है। इसमें से 5.53 लाख क्विंटल धान का उठान पूरा कर लिया गया है।

किस मंडी से कितनी धान की खरीद

अजराना कलां मंडी में 4689, बाबैन मंडी में 44,610 क्विंटल, भौर सैयदां में 2095 क्विंटल, चढुनी जाटान में 2257 क्विंटल, गुमथला गढु में 19130 क्विंटल, इस्माईलाबाद में 85390 एमटी, झांसा में 19221 क्विंटल, कुरुक्षेत्र मंडी में 144295 क्विंटल, लाडवा मंडी में 91752 क्विंटल, लुखी मंडी में 381 क्विंटल, मलिकपुर मंडी में 2835 क्विंटल, नलवी मंडी में 4123 क्विंटल, पिपली मंडी में 45279 क्विंटल, पिहोवा मंडी में 126491 क्विंटल, शाहबाद मंडी में 112775 क्विंटल, ठोल मंडी में 20104 क्विंटल और थाना में 3139 क्विंटल धान की खरीद की है।

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