भाषा व शिक्षा ग्रहण करने का मुख्य उद्देश्य है लक्ष्य हासिल करना : शर्मा

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के प्रो. पंकज शर्मा ने कहा कि भाषा व शिक्षा ग्रहण करने का मुख्य उद्देश्य जीवन में निर्धारित लक्ष्य हासिल करना भी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 02:02 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 06:13 AM (IST)
भाषा व शिक्षा ग्रहण करने का मुख्य उद्देश्य है लक्ष्य हासिल करना : शर्मा
भाषा व शिक्षा ग्रहण करने का मुख्य उद्देश्य है लक्ष्य हासिल करना : शर्मा

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र :

चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के प्रो. पंकज शर्मा ने कहा कि भाषा व शिक्षा ग्रहण करने का मुख्य उद्देश्य जीवन में निर्धारित लक्ष्य हासिल करना भी है। इससे न केवल हम स्वयं के प्रति जागरूक हो पाते हैं बल्कि अपने विद्याíथयों को भी उनके जीवन का लक्ष्य समझाने में बहुत हद तक सफल रहते हैं। वह बृहस्पतिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में चल रहे रिफ्रेशर कोर्स के 10 वें दिन बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें भाषा के माध्यम से होने वाले साम्राच्यवाद, जो कि एक नए तरह के कोलिनियलिजम का रूप ले सकता है के बारे में भी जागरूक किया। अगले सत्र के मुख्य वक्ता यूएसए की ओबर्न यूनिर्विसटी के प्रो. ऐलन फर ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि चाहे साहित्य हो या समाजशास्त्र, दोनों ही मानव स्थिति को हाईलाइट करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके अनुसार साहित्य व समाजशास्त्र में इस समानता होने के बावजूद भी साहित्य मानवीय स्थितियों को रोचक एवं प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने का मादा रखता है। इसलिए उन्होंने समाजशास्त्र का प्रोफेसर होने के साथ-साथ साहित्य भी खूब पढ़ा है क्योंकि उनके अनुसार साहित्य समाजशास्त्र के क्षेत्र व सोच का दायरा बढ़ा देता है। मानव विकास में साहित्य का अहम योगदान है। कार्यक्रम के अगले सत्र में पंजाबी यूनिर्विसटी पटियाला से प्रो. रविद्र पवार ने जूमिग इन आउट विद जेडआईजेडईकेआईएएन लेंस विषय पर विस्तृत व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसमें स्लोवाई•िाजेक की थ्योरी के बारे में विस्तार से बताया। प्रो. पवार ने हेजिलियन आईडियोलॉजी, स्लोवोजजिजेक मोडेलिटिस आफ द रियल, जिजेक स्टेंस आन वायलेंस, वायलेंस इन द फोर्म आफ लैंगुएज आदि पहलूओं पर विशेष ध्यान दिया।

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