सीसीआइ चला बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की राह, आइजीएम में लगाई प्रदर्शनी

बाल संरक्षण विभाग चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट (सीसीआइ) में पल रहे बेसहारा व विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में दिशा में चल पड़ है। ब्रह्मसरोवर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में विभाग ने पहली बार बच्चों की तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 04:55 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 04:55 PM (IST)
सीसीआइ चला बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की राह, आइजीएम में लगाई प्रदर्शनी
सीसीआइ चला बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने की राह, आइजीएम में लगाई प्रदर्शनी

अनुज शर्मा, कुरुक्षेत्र : बाल संरक्षण विभाग चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूट (सीसीआइ) में पल रहे बेसहारा व विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में दिशा में चल पड़ है। ब्रह्मसरोवर पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में विभाग ने पहली बार बच्चों की तैयार कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई है।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी इंदू शर्मा ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 में इससे पहले भी सीसीआइ के बच्चों की ओर से बनाई कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई जाती रही है। इस बार प्रदर्शनी के साथ-साथ सेल भी लगाई गई है। जिससे ऐसे बच्चों की प्रतिभा को उभारा जा सकें। वहीं ये बच्चे भी आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने बताया कि महोत्सव में 10 जिलों की सीसीआइ के बच्चों ने लगभग 350 से अधिक विशेष कलाकृतियां बनाकर भेजी है। सभी कलाकृतियों पर बनाने वाले बच्चे का नाम अंकित है। ऐसे में जिस कलाकृति की बिक्री होती है। उसके पैसे उसी बच्चे के नाम से लिस्ट बनाकर रख रहे है। जिससे महोत्सव के बाद बच्चों के खाते में उनके पैसे डाले जा सकें। अभी तक लगभग 70 से अधिक कलाकृतियों की बिक्री हो चुकी है। महोत्सव में आने वाले पर्यटक विशेष कलाकृतियों की पसंद कर रहे है और उन्हें खरीदने में रूचि दिखा रहे है।

तीन जिलों के अधिकारियों की लगी ड्यूटियां

महोत्सव में लगाई गई प्रदर्शनी व सेल को संभालने के लिए परिषद ने तीन जिलों के अधिकारियों की ड्यूटियां लगाई है। इनमें कुरुक्षेत्र, करनाल व यमुनानगर के अधिकारी शिफ्टों में अपनी ड्यूटियां दे रहे है।

वर्जन :

पहली बार महिला एवं बाल विकास विभाग और बाल कल्याण विभाग की ओर से सीसीआइ में पल रहे बच्चों की ओर से बनाई गई कलाकृतियों की प्रदर्शनी की सेल लगाई है। ऐसे में प्रत्येक कलाकृति पर बच्चे का नाम लिखा गया है। जिसकी बिक्री होने पर उसकी राशि उस बच्चे के खाते में डाली जाएगी। यह परिषद की ओर से बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने का एक प्रयास है।

प्रवीण अत्री, मानद महासचिव, राज्य बाल कल्याण परिषद, हरियाणा।

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