श्लोकोच्चारण कार्यशाला में 250 संस्कृत अध्यापक को कराया अभ्यास

राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुरुक्षेत्र के केशव सदन में प्रदेशभर के संस्कृत अध्यापकों के लिए अष्टादश श्लोकोच्चारण के अभ्यास के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला कराई गई। 22 जिलों से 250 संस्कृत अध्यापकों ने भाग लिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 05:59 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 05:59 PM (IST)
श्लोकोच्चारण कार्यशाला में 250 संस्कृत अध्यापक को कराया अभ्यास
श्लोकोच्चारण कार्यशाला में 250 संस्कृत अध्यापक को कराया अभ्यास

फोटो - 11 और 20 कटआउट--- - अंग्रेजी नहीं, संस्कृत है अच्छे संस्कारों की भाषा : आश्री

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुरुक्षेत्र के केशव सदन में प्रदेशभर के संस्कृत अध्यापकों के लिए अष्टादश श्लोकोच्चारण के अभ्यास के लिए एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला कराई गई। 22 जिलों से 250 संस्कृत अध्यापकों ने भाग लिया। केडीबी के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा मुख्यातिथि रहे।

कार्यशाला में संस्कृत के सेवानिवृत्त अध्यापक हरि देव शास्त्री, ओमप्रकाश शर्मा व राजेंद्र शास्त्री ने गीता के 18 श्लोकों का अभ्यास संस्कृत अध्यापकों को करवाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीईओ अरुण आश्री ने की।

मदन मोहन छाबड़ा ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2021 के अवसर पर प्रदेश भर के संस्कृत अध्यापकों का एक ही सभागार में एकत्रित होना बड़ा गौरव का विषय है। पिछली बार प्रदेश के 18 हजार विद्यार्थियों ने गीता के 18 श्लोकों का उच्चारण कर व‌र्ल्ड रिकार्ड बनाया था। अबकी बार 56 हजार विद्यार्थी हैं। इनमें 55 हजार आनलाइन और 1800 आफलाइन माध्यम से एक साथ गीता के 18 श्लोकों का उच्चारण कर अपना ही रिकार्ड को तोड़ेंगे। प्रत्येक जिले से ढाई हजार विद्यार्थी इसमें भाग लेंगे। वहीं कुरुक्षेत्र से 1800 विद्यार्थी अलग से भाग लेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी अरुण आश्री ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारे संस्कारों की भाषा है। अंग्रेजी भाषा कभी संस्कारों की भाषा नहीं हो सकती। इसलिए हमें अपने बच्चों को संस्कृत भाषा सिखाने का प्रयास करना चाहिए। जिससे उनमें अच्छे संस्कार उत्पन्न हो सकें। इस मौके पर बीईओ थानेसर संतोष शर्मा, एपीसी सतबीर कौशिक, प्रिसिपल डा. सचिद्र कुमार, सुनीता कपूर व पूर्व हसला प्रधान अनिल गर्ग मौजूद रहे।

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