छह माह में 230 सड़क हादसे, 105 ने गंवाई जान, 172 हुए चोटिल

कुरुक्षेत्र जिले में बीते छह माह के दौरान सड़कें खून से लाल होती रही हैं। शायद ही कोई दिन ऐसा होगा जिस दिन कोई सड़क हादसा न हुआ हो और कोई घायल न हुआ हो। यह सब हुआ तेज रफ्तार वाहन चलाने व वाहन चलाते समय लापरवाही बरतने के कारण।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 07:05 AM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 07:05 AM (IST)
छह माह में 230 सड़क हादसे, 105 ने गंवाई जान, 172 हुए चोटिल
छह माह में 230 सड़क हादसे, 105 ने गंवाई जान, 172 हुए चोटिल

जागरण संवाददाता, कुरुक्षेत्र : जिले में बीते छह माह के दौरान सड़कें खून से लाल होती रही हैं। शायद ही कोई दिन ऐसा होगा जिस दिन कोई सड़क हादसा न हुआ हो और कोई घायल न हुआ हो। यह सब हुआ तेज रफ्तार वाहन चलाने व वाहन चलाते समय लापरवाही बरतने के कारण। यातायात पुलिस वाहन चालकों की गति को नियंत्रित करने के लिए सड़कों पर गति जांच वाहन की मदद से चालान तो करती है, मगर वाहन चालक इस चालान से नहीं डरते और नियमों को ताक पर रख कर वाहन चलाते हैं। जिसका खामियाजा उन्हें खुद व दूसरों को भुगतना पड़ता है।

जिला पुलिस के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। एक जनवरी से 30 जून के बीच जिले भर में 230 सड़क हादसे हुए हैं। इन सड़क हादसों में 105 लोगों ने अपनी जान गंवाई है, वहीं 172 लोगों को चोटें आई हैं। पुलिस यह भी मानना है कि सड़क हादसों के दौरान घायल हुए लोगों में 30 प्रतिशत लोगों की तीन माह के अंदर मौत हो जाती है या वे ताउम्र अपंग हो जाते हैं। यह तेज रफ्तार व लापरवाही से वाहन चलाने का नतीजा है।

डीएसपी यातायात नरेंद्र सिंह का कहना है कि देश में इतनी मौतें बीमारियों से नहीं होती, जितनी कि सडक दुर्घटनाओं के कारण होती हैं। सड़क दुर्घटना के मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए, अधिकतर मौतें लापरवाही के ही कारण होती हैं। युवाओं के बीच बाइक क्रेज बढ़ रहा है, मगर वे नियमों का पालन नहीं करते। बाइक के लिए हेलमेट पहनना और गति सीमा पर अंकुश रखना जरूरी है। जिस प्रकार हम अपने मोबाइल पर कवर या स्क्रीन गार्ड लगाना नहीं भूलते उसी प्रकार दोपहिया वाहन पर चलते समय हमेशा हेलमेट पहनें। हम मोबाइल या डिश टीवी का रिचार्ज समय पर कराते हैं, परंतु बाइक या गाड़ी का इंश्योरेंस व प्रदूषण सर्टिफिकेट लेना भूल जाते हैं। बाजार, चौक-चौराहे या कैंटीन में घंटों बातचीत में बिता सकते हैं पर रेडलाइट पर दो मिनट रुकना मुश्किल लगता है। इन सभी बातों को यदि हम अपने रोजाना के व्यवहार में शामिल कर लें तो हर रोज बढ़ रहे सड़क हादसों को कम किया जा सकता है।

आंकड़े एक नजर में

एक जनवरी से 30 जून तक किए चालान : 28 हजार 999

एक जनवरी से 30 जून तक वाहन चालकों पर जुर्माना : एक करोड़, 42 लाख 79 हजार 800 रुपये

एक जनवरी से 30 जून तक सड़क हादसे : 230

एक जनवरी से 30 जून तक सड़क हादसों में मौत : 105

एक जनवरी से 30 जून तक सड़क हादसों में घायल : 172

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