होटल व ढाबों में बिना मास्क काम करने वाले कर्मचारी बांट सकते हैं कोरोना
सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन की नहीं हो रही पालना।
फोटो---07 व 08 नंबर है। - कोरोना को हराना है - सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइन की नहीं की जा रही अनुपालना, कोरोना को लेकर रहना होगा सजग जागरण संवाददाता, करनाल: धीरे-धीरे कोरोना का डर लोगों के मन से कम होता जा रहा है, लेकिन कोरोना से डरना कितना जरूरी है, यह हकीकत पीड़ित ही बता सकता है या फिर वे लोग, जिनके परिवार में कोरोना ने किसी अपने को छीन लिया हो। इस समय बाजार, होटल व ढाबों व रेस्टोरेंटों में जो हालात दिखाई दे रहे हैं, वे वाकई परेशान करने वाले हैं। जिले में अलग-अलग जगह विशेषकर बाजारों व ढाबों पर लोग बिना मास्क ही काम कर रहे हैं। यहां पर काम करने वाला यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है तो यह बहुत ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जीटी रोड पर होटल, ढाबों व रेस्टोरेंट में काम करने वाले कर्मचारियों के सैंपल लिए गए थे। कुछ संक्रमित भी मिले थे। लेकिन अब फिर इस प्रकार की अनदेखी के कारण ही विभाग के लाख प्रयास के बाद भी कोरोना संक्रमण की चेन नहीं टूट पा रही है। जीटी रोड पर बने ढाबे व रेस्टोरेंट बन सकते हैं संक्रमण का केंद्र
जिले में अलग-अलग जगह और विशेषकर जीटी रोड पर बने ढाबे व रेस्टोरेंट संक्रमण का केंद्र बन सकते हैं। क्योंकि ज्यादातर जगह नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है। ना तो मास्क लगाया जा रहा है और ना ही शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जा रहा है। ऐसे में लोगों को सचेत रहने की जरूरत है। इसके अलावा सामाजिक कार्यक्रमों की बात की जाए तो यहां पर सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है। कुछ जगह को छोड़कर किसी भी कार्यक्रम में ज्यादा भीड़ जमा नहीं होती। वर्जन
दो गज की दूरी है बहुत जरूरी
सिविल सर्जन डा. योगेश शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए सभी ढाबों व रेस्टोरेंट के कर्मचारियों के सैंपल लिए थे। जरूरत पड़ी तो फिर यहां से सैंपल लिए जाएंगे।लोगों से अपील है कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें, शारीरिक दूरी से कोरोना को हराया जा सकता है।