प्रतियोगी शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को बेहतर संस्कार देने की जरूरत : आचार्य देवव्रत

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में प्रतियोगी शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को बेहतर संस्कार देने भी जरूरी हैं ताकि वे शिक्षा प्राप्ति के उपरांत आदर्श और जिम्मेवार नागरिक बन सकें।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 02:50 AM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 06:13 AM (IST)
प्रतियोगी शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को बेहतर संस्कार देने की जरूरत : आचार्य देवव्रत
प्रतियोगी शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को बेहतर संस्कार देने की जरूरत : आचार्य देवव्रत

जागरण संवाददाता, करनाल : गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में प्रतियोगी शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को बेहतर संस्कार देने भी जरूरी हैं ताकि वे शिक्षा प्राप्ति के उपरांत आदर्श और जिम्मेवार नागरिक बन सकें। उन्होंने विद्यार्थियों को मेहनत और लगन से शिक्षा हासिल करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि कठिन परिश्रम के बल पर कोई भी व्यक्ति बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकता है। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिक्र करते हुए कहा कि साधारण परिवारों में जन्म लेकर इन दोनों विभूतियों ने मेहनत के बल पर बड़ी उपलब्धियां हासिल की।

आचार्य देवव्रत आज आर्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय घरौंडा में 27वें वार्षिकोत्सव में उपस्थित विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में भारत आदिकाल से विश्व गुरु रहा है और सभी सभ्यताओं का विकास और मार्गदर्शन भारत की ज्ञान परम्पराओं से हुआ है। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता हासिल करने के लिए शिक्षा बेहद जरूरी है और उससे भी अधिक जरूरी है व्यक्ति में अच्छे संस्कारों का होना। उन्होंने विद्यार्थियों को खेल एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया। शिक्षा के क्षेत्र में गुरुकुल परम्परा की सराहना करते हुए कहा कि अक्सर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी उच्च शिक्षा के लिए शहरों और महानगरों में जाते हैं लेकिन गुरुकुल के अनुशासन और शिक्षा स्तर को देखते हुए शहरों और महानगरों में इन संस्थानों में शिक्षा प्राप्ति के लिए आते हैं। उन्होंने इस मौके पर स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और मंत्रोच्चारण के बीच दीपशिखा प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

विद्यालय के प्रिसिपल जितेंद्र सिंह ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए इस विद्यालय के विद्यार्थियों की शैक्षणिक, खेल और सांस्कृति उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विद्यालय का 12वीं कक्षा का परिणाम शत-प्रतिशत रहा है। नॉन मेडिकल संकाय में पीयूष राजपूत ने 96.8 प्रतिशत, मुस्कान ने 96.4 प्रतिशत और कनिका ने 95.8 प्रतिशत अंक हासिल करके क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल किया है। इसी प्रकार मेडिकल संकाय में दिव्या ने 96.6 प्रतिशत, नेहा अग्रवाल ने 96 प्रतिशत और महक 94.8 प्रतिशत लेकर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान हासिल किया है। कॉमर्स संकाय में उमा ने 94 प्रतिशत, रिया गुप्ता ने 93.6 प्रतिशत और एकता ने 92.8 प्रतिशत अंक हासिल किए।

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