चंद दिन में खुल जाएगी फर्जी प्रॉपर्टी आइडी बनवाने वालों की पोल

जागरण संवाददाता करनाल अवैध कालोनियों में फर्जी प्रॉपर्टी आइडी से रजिस्ट्री करवाने के माम

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Feb 2021 07:36 AM (IST) Updated:Sat, 27 Feb 2021 07:36 AM (IST)
चंद दिन में खुल जाएगी फर्जी प्रॉपर्टी आइडी बनवाने वालों की पोल
चंद दिन में खुल जाएगी फर्जी प्रॉपर्टी आइडी बनवाने वालों की पोल

जागरण संवाददाता, करनाल: अवैध कालोनियों में फर्जी प्रॉपर्टी आइडी से रजिस्ट्री करवाने के मामले का पटाक्षेप करने की ओर से पुलिस कदम आगे बढ़ा चुकी है। उम्मीद है कि मार्च माह की शुरूआत में इस पूरे मामले की सच्चाई सामने आ जाए। पुलिस जांच आगे बढ़ने के साथ ही इस खेल में शामिल रहे दबंगों के होश फाख्ता हैं। पुलिस भी इस जांच को पूरी गंभीरता से आगे बढ़ा रही है। गोपनीयता के लिहाज से किसी के नाम यह भी जाहिर नहीं होने दिया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े में कौन कौन शामिल हैं लेकिन यह पक्का है कि लगातार चर्चा में बने इस मामले का पटाक्षेप होने पर कई लोग बेनकाब हो जाएंगे।

अभी तक नहीं हुई किसी की गिरफ्तारी कुकुरमुत्तों की तरह उगती जा रही अवैध कालोनियों में प्लाट बेचने के खेल और फर्जी प्रॉपर्टी आइडी से रजिस्ट्री करवाने के मामले की गूंज चंडीगढ़ तक पहुंच चुकी है। इस मामले में सरकार भी सख्त हो चुकी और प्रशासन भी। फजी प्रॉपर्टी आइडी को लेकर नगर निगम की ओर से दर्ज करवाए गए केस में पुलिस गंभीरता से जांच कर रही, लेकिन सवाल यह है कि अभी तक इस मामले में किसी भी आरोपित की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अलबत्ता इस मामले से संबंधित 209 रजिस्ट्री की जांच की जा रही है। जिस समय दैनिक जागरण पे अवैध कालोनियों में रजिस्ट्री का मामला उठाया तो उस समय गड़बड़झाला की बू सामने आ गई थी। एक तरफ प्रशासन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं था कि अवैध कालोनियों में गलत तरीके से रजिस्ट्री हो रही है। तर्क था कि अब पोर्टल के माध्यम से नो ड्यूज मिलता है। ऑनलाइन के माध्यम से ही रजिस्ट्री होती है। अवैध कालोनी की जमीन को पोर्टल रजिस्ट्री के लिए स्वीकार नहीं करता। अब नगर निगम की जांच में ऐसी करीब 209 रजिस्ट्री सामने आई हैं, जिन पर फर्जी आईडी से रजिस्ट्री हुई है। यह रजिस्ट्री होने का सिलसिला नवंबर में शुरू हुआ था। जबकि यह मामला जनवरी माह के आखिरी दौर में पकड़ में आया। रजिस्ट्री से संबंधित रिकार्ड हो चुका तलब पुलिस ने मामला दर्ज होने के बाद इन रजिस्ट्री से संबंधित रिकार्ड तलब कर लिया। नगर निगम से संबंधित दस्तावेज मंगवाए गए तो साथ ही तहसील कार्यालय से भी रिकार्ड लिया गया। इसके साथ ही पोर्टल को संचालित करने वाली कंपनी के अधिकारियों को भी जांच में शामिल किया गया। निगम के भी कुछ कर्मचारियों से पूछताछ की गई। लेकिन अभी तक पुलिस इस पूरे मामले में ज्यादा जानकारी नहीं देना चाह रही है। वर्जन एसपी गंगाराम पूनिया ने कहा कि इस मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। रिकार्ड खंगाला जा रहा है। पांच या छह दिन में इस मामले की जांच पूरी कर ली जाएगी। इसके साथ बाद केस से संबंधित जानकारी दी जा सकेगी।

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