वायु प्रदूषण का मुकाबला करने में मददगार हो सकते हैं ये आहार

वायु प्रदूषण गंभीर स्तर तक पहुंचना सेहत के लिए चिता का सबब बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि वायु प्रदूषण केवल उद्योगों और वाहनों के कारण नहीं होता है। धूल के कण कारपेंट में केमिकल एयर फ्रेशनर प्लास्टिक से ऑफ-गेसिग भी जहरीले हमले को जोड़ते हैं जो आपके फेफड़ों को सहन करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Nov 2019 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 17 Nov 2019 06:30 AM (IST)
वायु प्रदूषण का मुकाबला करने में मददगार हो सकते हैं ये आहार
वायु प्रदूषण का मुकाबला करने में मददगार हो सकते हैं ये आहार

जागरण संवाददाता, करनाल : वायु प्रदूषण गंभीर स्तर तक पहुंचना सेहत के लिए चिता का सबब बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि वायु प्रदूषण केवल उद्योगों और वाहनों के कारण नहीं होता है। धूल के कण, कारपेंट में केमिकल, एयर फ्रेशनर, प्लास्टिक से ऑफ-गेसिग भी जहरीले हमले को जोड़ते हैं, जो आपके फेफड़ों को सहन करना पड़ता है। वायु प्रदूषण सिर्फ साइनस संक्रमण, अस्थमा और फेफड़ों की बीमारियों से जुड़ा नहीं है, बल्कि इसे ऑटिज्म ट्रिगर भी माना जाता है। यह दिल के दौरे, शुक्राणु उत्परिवर्तन से भी जुड़ा हुआ है। हम जिस हवा में सांस ले रहे हैं, वह प्रदूषण के खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। इसका मुकाबला करने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट ज्योति का कहना है कि हम आपको कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों से परिचित कराना चाहते हैं जो वायु प्रदूषण से निपटने में आपकी मदद कर सकते हैं।

ब्रोकली द बुस्टर

- न्यूट्रिशियन ज्योति का कहना है कि अपने इम्यून सिस्टम को सही डाइट डिटॉक्स प्लान और ब्रीदिग एक्सरसाइज से मजबूत रखें। वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए ये सबसे अच्छे तरीके हैं। सर्दी हो या गर्मी, अपने दैनिक आहार में ब्रोकली शामिल करें। वायु प्रदूषण से होने वाले मुक्त मूलक नुकसान को बेअसर करने के लिए, हमें जिन दो अंगों को सहारा देने और नियमित रूप से डेटोक्सिफाई करने की आवश्यकता है, वे हैं फेफड़े और यकृत। संतरे के छिलके, नीलगिरी और पुदीना के साथ अपने फेफड़ों को फिर से जीवंत करें और एक साफ जिगर के लिए अंगूर, चुकंदर, गाजर, सेब, गोबी, एवोकैडो खाएं। विटामिन सी प्रतिरक्षा प्रणाली का निर्माण करने में मदद करता है, जिससे आपको एलर्जी होने की संभावना कम हो जाती हैं।

हल्दी

हल्दी में मौजूद यौगिक फेफड़ों को प्रदूषकों के विषाक्त प्रभाव से बचने में मदद करता हैं। वायु प्रदूषण से होने वाले फेफड़ों में खांसी और जलन से राहत पाने के लिए हल्दी और घी के मिश्रण का सेवन करें। हल्दी को गुड़ ओर मक्खन के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें तो बेहतर है। गर्म दूध में हल्दी मिलाएं और इसे नियमित रूप से रात को पीये। प्राकृतिक एंटीथिस्टेमांइस (एलर्जी के लिए दवाओं) में समृद्घ आहार खाने से वनस्पतिक एलर्जी प्रतिक्रियाओं में मदद मिल सकती हैं।

फ्लैक्सीड

फ्लैक्सीड ओमेगा-3 फैटी एसिड और फाइटोएस्ट्रोजेन के साथ पावर-पैक है। ओमेगा-3 फैटी एसिड आपके कार्डियोवास्कुलर सिस्टम और स्मॉग के प्रभाव को कम करने में सहायता करता हैं जबकि फाइटोएस्ट्रोजेन में एंटी ऑक्सडेंट गुण होते हैं जो फेफड़ों में अस्थमा और अन्य एलर्जी प्रतिक्रियाओं के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।

पालक

पालक में बीटा कैरोटीन, जेक्सैथिन, ल्यूटिन और क्लोरोफिल शामिल हैं। ये सभी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं। पालक का हर रंग क्लॉरोफिल के कारण होता है, जोकि एंटी-म्यूटाजेनिक गुणों के साथ एक मजबूत एंटी ऑक्सीडेंट है। इसमें विशेष रूप से फेफड़ों के लिए मजबूत एंटी-कैंसर गुणा पाए गए हैं।

टमाटर

टमाटर बीटा-कैराटीन सी और लाइकोपीन-एंटी ऑक्सिडेंट में समृद्घ हैं जो वायुमार्ग की सूजन को कम करने में मदद करते है, जिससे अस्थमा और श्वास संबंधी अन्य समस्याओं की संभावना कम हो जाती हैं। यह माना जाता है कि लाइकोपीन एक यौगिक है जो आपको स्वस्थ रखने के लिए जिम्मेदार हैं। टमाटर में बीटा-कैरोटीन को प्रचुर मात्रा में, लोरोवर को धीमा करने के लिए जाना जाता है।

मैंग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ

मैंग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, काजू और गेहूं के चोकर को आहार में लेने की कोशिश करें क्योंकि मैंग्नीशियम एक प्राकृतिक ब्रोन्कोडायलेटर (एजेंट है जो फेफड़ो के अंदर श्वास नलियों को आराम देता है)

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