हर जिले के स्टेडियम में दिव्यांगों के लिए बनेगा अलग खेल कार्नर- डा. चौहान

जागरण संवाददाता करनाल दिव्यांगजनों के प्रति अपना रवैया बदलना होगा। दिव्यांगों के संघष

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:28 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:28 PM (IST)
हर जिले के स्टेडियम में दिव्यांगों के लिए बनेगा अलग खेल कार्नर- डा. चौहान
हर जिले के स्टेडियम में दिव्यांगों के लिए बनेगा अलग खेल कार्नर- डा. चौहान

जागरण संवाददाता, करनाल:

दिव्यांगजनों के प्रति अपना रवैया बदलना होगा। दिव्यांगों के संघर्ष को हम उन्हीं पर नहीं छोड़ सकते। हमें और अधिक संवेदनशीलता के साथ दिव्यांगों के लिए काम करना होगा और उनकी आवाज सरकार तक पहुंचानी होगी। यह बात हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष डा. वीरेंद्र सिंह चौहान ने रेडियो ग्रामोदय के लाइव कार्यक्रम ग्रामोदय वार्ता में दिव्यांगों के लिए काम करने वाली संस्था दिशा के संरक्षक सुरेंद्र भाटिया से चर्चा के दौरान कही।

डा. चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार दिव्यांगों के प्रति अत्यंत संवेदनशीलता के साथ काम कर रही है। उन्हें सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से दिव्यांगजन स्टेट कमिश्नर पोर्टल लांच कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने अंबाला में आजीवन दिव्यांग देखभाल गृह का शिलान्यास किया है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि हरियाणा में हर जिले के एक स्टेडियम में दिव्यांगों के लिए खेले जाने वाले खेलों के लिए एक अलग खेल कॉर्नर बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पानीपत में राजकीय अंध विद्यालय के नए भवन का निर्माण करने की भी घोषणा की है। इसके अलावा श्रेणी एक और श्रेणी दो के ²ष्टिबाधित अधिकारियों को ब्रेल आधारित प्रिटर भी मुहैया कराए जाएंगे। दिव्यांगों के जीवन को सुगम बनाने के लिए सरकार हर संभव कार्य करेगी। सुरेंद्र भाटिया ने बताया कि वर्ष 2010-11 में एक यूएन चार्टर तैयार हुआ था जिसमें भारत ने भी हस्ताक्षर किए थे। इस चार्टर के मुताबिक वर्ष 2020 तक सभी दिव्यांगों को बैरियर फ्री वातावरण देना तय हुआ था। अफसोस है कि अभी तक इस दिशा में कुछ खास प्रगति नहीं हो पाई है। यूरोप में आम नागरिकों के लिए चलने वाली सभी बसों में दिव्यांगजनों के लिए अलग व्यवस्था होती है और वे व्हीलचेयर समेत बस में सफर कर सकते हैं। वहां रेलगाड़ियों में भी ऐसी सुविधा उपलब्ध है, लेकिन भारत में अब तक ऐसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। दिल्ली में ऐसा प्रयोग जरूर हुआ था, लेकिन यह सफल नहीं हो पाया। उनकी इस बात का समर्थन करते हुए डा. वीरेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि हरियाणा परिवहन निगम को मिलने वाली 40 नई बसें इन सुविधाओं से युक्त होंगी।

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