मक्का बीजने वाले किसान चितित, लाभ न मिलने का खतरा मंडराया
प्रदेश सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना को ध्यान में रखकर क्षेत्र के किसानों के द्वारा अपने खेतों में मक्का उर्द तिल ज्वार बाजरा फसल की बुआई की गई थी। अब सरकार के द्वारा खेतों की करवाई गई गिरदावरी से कुछ किसानों को छोड़कर इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
संवाद सहयोगी, असंध : प्रदेश सरकार की मेरा पानी मेरी विरासत योजना को ध्यान में रखकर क्षेत्र के किसानों के द्वारा अपने खेतों में मक्का, उर्द, तिल, ज्वार, बाजरा फसल की बुआई की गई थी। अब सरकार के द्वारा खेतों की करवाई गई गिरदावरी से कुछ किसानों को छोड़कर इस योजना का लाभ नहीं मिल पाएगा।
सरकार द्वारा करवाई गई गिरदावरी में मक्के के साथ साथ अन्य लाभान्वित फसल का किला नंबर मिलान नहीं हो पा रहा है, जिससे किसान को लाभ मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्षेत्र के गांव सालवन, गोली, दुपेड़ी, फफड़ाना, पधाना सहित दर्जनों गांव के किसानों ने बताया कि उनके द्वारा अपने खेत में लगवाई गई फसल का पंजीकरण करवा लिया गया था, लेकिन अब गिरदावरी करने आए अधिकारियों ने बताया कि जिस खेत मे जो फसल लगाई थी उसी के अनुसार पंजीकरण करवाना पड़ेगा। मक्के वाले खेत का किला नंबर व खसरा नंबर के अनुसार पंजीकरण करवाने वाले किसान को ही इसका लाभ मिलेगा।
चितित किसानों ने कहा कि किसानों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। पहले पंजीकरण करवाने की बात पर जोर दिया गया, लेकिन अब सरकार ने किसानों को लाभ न देने की नीति तैयार की है। सभी किसान इस प्रकार की नीति के प्रति रोष प्रकट करेंगे। खंड कृषि अधिकारी राधे श्याम ने बताया कि सरकार द्वारा लागू योजना किसान हित में ही है। उच्चाधिकारियों के निर्देश को अमल में लाया जाता है। मक्के वाले खेत का किला नंबर व खसरा नंबर के अनुसार पंजीकरण करवाने वाले किसान को योजना का लाभ मिलेगा।