नोटिफिकेशन में गड़बड़ी से करोड़ों का प्रोजेक्ट प्रभावित

संवाद सहयोगी घरौंडा नोटिफिकेशन में गलती ने रेलवे ब्रिज के निर्माण में रुकावट पैदा कर

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 01:12 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 01:12 AM (IST)
नोटिफिकेशन में गड़बड़ी से करोड़ों का प्रोजेक्ट प्रभावित
नोटिफिकेशन में गड़बड़ी से करोड़ों का प्रोजेक्ट प्रभावित

संवाद सहयोगी, घरौंडा : नोटिफिकेशन में गलती ने रेलवे ब्रिज के निर्माण में रुकावट पैदा कर दी है। ग्रामीणों की आपत्ति के मुताबिक किला नंबर 37/18 का अधिग्रहण ही नहीं हुआ और न जमीन का कोई मुआवजा मालिकों को मिला। ग्रामीणों की आपत्ति ने लोक निर्माण विभाग के सामने समस्या खड़ी कर दी। उर्दू का रिकार्ड खंगाला तो पता चला कि भूमि के नोटिफिकेशन में संबधित किला नंबर 37/16 प्रिट हो गया था।53 साल पहले ही जमीन मालिक 37/18 किला नंबर की जमीन का 33 रुपये मुआवजा ले चुके हैं। अब पीडब्ल्यूडी जल्द अधिग्रहित भूमि से अवैध निर्माण हटाएगा ताकि पुल निर्माण शुरू हो सके।

कोहंड असंध मार्ग को चौड़ा करने के लिए सरकार ने करीब 5.39 एकड़ भूमि अधिग्रहित की थी। ग्रामीणों ने आपत्ति जताई कि किला नम्बर 37/18 का अधिग्रहण नहीं हुआ है और न ही इस भूमि का मुआवजा दिया गया। इस रुकावट के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग ने रिकार्ड खंगालना शुरू किया कि आखिर अधिग्रहण में एक प्लाट कैसे बच गया। रिकार्ड उर्दू में होने की वजह से अधिकारियों के लिए समस्या खड़ी हो गई। उर्दू में दर्ज रिकार्ड को समझने के लिए विभाग ने एक सेवानिवृत नायब तहसीलदार की सहायता ली। पूर्व नायब तहसीलदार रामसिंह ने 1967 के रिकार्ड का अध्ययन किया, जिसके बाद पता चला कि सरकार 53 वर्ष पहले किला नम्बर 37/18 की चार कनाल दो मरले भूमि से नौ मरले भूमि अधिग्रहित कर चुकी है। रिकार्ड से मिली जानकारी के बाद मालूम हुआ कि भूमि नोटिफिकेशन के प्रिट में गलती हुई और 37/18 की जगह पर 37/16 छप गया।

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21 करोड़ की लागत से बन रहा पुल, अवैध निर्माण से अटका

दिल्ली-अम्बाला रेलमार्ग पर कोहंड रेलवे फाटक पर करीब 21 करोड़ की लागत से विशेष डिजाइन का रेलवे आरयूबी व आरओबी बनाया जा रहा है। रेलवे पुल से निकलने वाले सर्विस रोड की भूमि पर ग्रामीणों द्वारा किए गए अवैध निर्माण की वजह से निर्माण कार्य कई माह से बंद पड़ा है। विभाग ने लगभग 80 लोगों को नोटिस जारी करते हुए अवैध निर्माण हटाने के निर्देश दिए थे। पीडब्ल्यूडी कई बार निशानदेही करवा चूका है बावजूद इसके अवैध कब्जाधारी कब्जे नही हटा रहे। वहीं पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ दिलबाग मेहरा ने बताया कि उर्दू में दर्ज पुराने रिकार्ड का रिटायर्ड नायब तहसीलदार से अध्ययन करवाया गया है। रिकार्ड के मुताबिक सरकार कोहंड असंध मार्ग के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा दे चुकी है। नोटिफिकेशन की प्रिटिग में गलती हुई थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया है। ग्रामीणों को कहा गया है कि वे जल्द अपने कब्जे हटा लें ताकि पुल का कार्य शुरू हो सके।

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