कालरम गांव का सिगल पांड नहीं झेल पाया मानसून की बरसात
लाखों रुपए खर्च करके तैयार किया गया कालरम गांव का सिगल पांड मानसून की बारिश नहीं झेल पाया।
संवाद सहयोगी, घरौंडा : लाखों रुपए खर्च करके तैयार किया गया कालरम गांव का सिगल पांड मानसून की बारिश भी नहीं झेल पाया। तीन दिन से लगातार हो रही बरसात से तालाब ओवरफ्लो हो चुका है। जोहड़ से पानी की निकासी न होने के कारण बरसात का पानी गलियों से होकर लोगों के घरों तक पहुंच गया है। ग्रामीण शासन व प्रशासन को कोसते नजर आ रहे है। ग्रामीणों ने जोहड़ की खुदाई के नाम पर खानापूर्ति के आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि मशीन से तालाब की खोदाई की गई लेकिन तालाब के साइडों की मिट्टी किनारों पर लगा दिया गया है। प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा अब ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
जून में कालरम गांव के बस स्टैंड वाले तालाब की खोदाई का कार्य शुरू किया गया था। जिसका मकसद गांव में गंदे पानी व तालाब ओवरफ्लो की दिक्कतों का समाधान करना था। खुदाई का कार्य शुरू हुआ। मशीन द्वारा मिट्टी को साइडों से खोदा गया और किनारों पर ही लगा दिया गया। सही तरीके से कार्य न होने का नुकसान अब ग्रामीण झेल रहे हैं।
ग्रामीण बलबीर रोहिला, राकेश राणा, मोहित, विशाल, बीरमती, अंगूरी देवी, राजेश राणा, विकास, मांगेराम, नरेश कुमार का कहना है कि मानसून की शुरुआती बरसात में ही तालाब पानी से भर चुका था। अंदेशा था कि भारी बरसात के कारण तालाब ओवरफ्लो होगा और इसका पानी लोगों के घरों में घुसेगा। बीते दो दिनों से रूक रूक कर हो रही बरसात ने तालाब को ओवरफ्लो कर दिया था। पानी गलियों में खड़ा हो चुका था लेकिन वीरवार-शुक्रवार की दरमियानी रात में हुई बरसात ने पानी घरों तक पहुंचा दिया। पोंड के चारों तरफ मिट्टी डालने की वजह से तालाब से बरसाती नाले में नहीं जा पा रहा है। जिसके कारण ग्रामीण परेशान हो चुके है। ग्रामीणों का कहना है कि लोगों को अपने मकानों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है। स्कूली बच्चों को भी गलियों में खड़े पानी से होकर स्कूलों तक पहुंचना पड़ता है। शासन और प्रशासन का ग्रामीणों की दिक्कतों की तरफ कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीणों ने प्रशासन से समस्या के समाधान की मांग की है।