दस्तावेज न दिखाने पर चावल गोदाम को जांच अधिकारियों ने किया सील

कैथल रोड कुचपुरा स्थित गोदाम को जांच टीम ने सील कर दिया है। जांच अधिकारियों के अनुसार चावल स्टोर करने वाले व्यापारियों ने जांच में सहयोग नहीं किया और न ही स्टाक के दस्तावेज दिखाए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:07 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:07 PM (IST)
दस्तावेज न दिखाने पर चावल गोदाम को जांच अधिकारियों ने किया सील
दस्तावेज न दिखाने पर चावल गोदाम को जांच अधिकारियों ने किया सील

संवाद सूत्र, निसिग : कैथल रोड कुचपुरा स्थित गोदाम को जांच टीम ने सील कर दिया है। जांच अधिकारियों के अनुसार चावल स्टोर करने वाले व्यापारियों ने जांच में सहयोग नहीं किया और न ही स्टाक के दस्तावेज दिखाए हैं। गोदाम में अलग-अलग फर्मो का 41 हजार क्विंटल चावल स्टोर है, जिसमें तरावडी की फर्म रूपचंद व अनिल कुमार का 23 हजार क्विंटल चावल, जबकि नितिन का 12 हजार क्विंटल चावलों का रिकार्ड टीम को उपलब्ध नहीं करवाया गया। वहीं निसिग की एक फर्म शिव एग्रो फूड के सदस्यों ने छह हजार क्विंटल चावल के दस्तावेज टीम के सामने प्रस्तुत किए हैं। अब मामला 35 हजार क्विंटल चावलों का फंसा हुआ है, जिस बारे जांच टीम ने रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी है। कमेटी ने मांगी थी चावल की स्टोरेज की सूचना

मिली जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन के आदेशानुसार मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने एसडीएम, फूड सप्लाई विभाग को लेटर भेजकर गोदाम में स्टोरेज चावलों की सूचना मांगी थी। जिसके आधार पर गोदाम में स्टोरेज चावल की टीम जांच करने पहुंची। जांच टीम चावल स्टोरेज पहुंची, लेकिन चावल मालिकों ने जांच में सहयोग नहीं दिया। दस्तावेजों सहित मौके पर बुलाया गया, लेकिन नहीं आए। जांच के दौरान डयूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार रामकुमार रहे। डीएफएससी निरीक्षक अशोक कुमार, एएफएसओ जसबीर सिंह, डीएफएससी निरीक्षक राजेश कुमार, समीर वशिष्ठ, मार्केट कमेटी सचिव बलवान सिंह मौजूद थे। सील कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी : डीएफएससी

डीएफएससी अशोक कुमार का कहना था कि उन्होंने गोदाम को सील कर रिपोर्ट डीसी व निदेशक को प्रेषित कर दी है। गोदाम सील करने के बाद भी चावल मालिकों को बुलाया गया, लेकिन नहीं आए। अभी धान सीजन के चलते कामकाज में पूरा स्टाफ व्यस्त है। यदि चावल के मालिक अपना जवाब प्रस्तुत नहीं करेंगे तो आगामी कार्रवाई की जाएगी। चावल मालिकों के आने के बाद खरीदे गए चावल का बिल पेश करने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

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