घरौंडा के देवी मंदिर के प्रति भक्तों के मन में अनन्य आस्था

नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना के लिए सभी प्रमुख तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है लेकिन घरौंडा के प्राचीन देवी मंदिर के प्रति भक्तों में अनन्य आस्था है। मंदिर का पौराणिक महत्व तो है ही वहीं इसकी भव्यता और सुंदरता भी यहां आने वालों का मन मोह लेती है। इस बार भी नवरात्र के विशिष्ट अवसर को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं का आवागमन आरंभ हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 06 Oct 2021 10:17 PM (IST) Updated:Wed, 06 Oct 2021 10:17 PM (IST)
घरौंडा के देवी मंदिर के प्रति भक्तों के मन में अनन्य आस्था
घरौंडा के देवी मंदिर के प्रति भक्तों के मन में अनन्य आस्था

संवाद सहयोगी, घरौंडा : नवरात्र में मां दुर्गा की आराधना के लिए सभी प्रमुख तीर्थस्थलों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है लेकिन घरौंडा के प्राचीन देवी मंदिर के प्रति भक्तों में अनन्य आस्था है। मंदिर का पौराणिक महत्व तो है ही वहीं, इसकी भव्यता और सुंदरता भी यहां आने वालों का मन मोह लेती है। इस बार भी नवरात्र के विशिष्ट अवसर को देखते हुए मंदिर में श्रद्धालुओं का आवागमन आरंभ हो गया है।

कई पीढि़यों से आस्था का केंद्र

करनाल से करीब बीस किलोमीटर दूर स्थित घरौंडा में सैकड़ों वर्ष पुराना देवी मंदिर आज जहां स्थापित हैं, वहां लंबे समय से श्रद्धालु पूजा अर्चना के लिए उमड़ते रहे हैं। इनमें ऐसे परिवार भी शामिल हैं, जिनके सदस्य कई पीढि़यों से यहां आ रहे हैं। हालांकि, यह प्रसिद्ध स्थल वस्तुत: कितने समय से क्षेत्र के लोगों की आस्था का केंद्र बना है, इसे लेकर कोई पूरी तरह स्पष्ट मान्यता नहीं है लेकिन अब से करीब सात वर्ष पूर्व इसे नए सिरे से भव्य स्वरूप देने का निर्णय लिया गया। मंदिर को अत्यंत सुंदर और भव्य स्वरूप में ढालने का यह बीड़ा लाला घासीराम ट्रस्ट के प्रधान लाला सोहनलाल गुप्ता और अन्य समाजसेवियों ने उठाया। इसी के साथ दो वर्ष तक अथक प्रयासों के बूते करीब तीन करोड़ रुपये की लागत से देवी मंदिर का भव्य निर्माण कराया गया। इससे मंदिर का स्वरूप इतना आकर्षक हो गया कि आज यहां न केवल घरौंडा, करनाल और पानीपत बल्कि, हरियाणा के अन्य जिलों से भी नवरात्र सहित सभी प्रमुख धार्मिक अवसरों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगता है।

सजावट मोह लेती मन

देवी मंदिर में वर्ष में दो बार यानि नवरात्र के अवसर पर मां के विविध स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्र की पावन पर्व श्रृंखला सात अक्टूबर से शुरू हो रही है। इसके चलते श्रद्धालुओं में उत्साह का माहौल है। देवी मंदिर को भव्यता के साथ सजाया जा रहा है। विधिविधान से अखंड ज्योत भी जगाई गई है। मंदिर के आचार्य मणिप्रसाद गौतम के अनुसार मंदिर से लोगों की आस्था बहुत गहराई तक जुड़ी है। नवरात्र में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। मंदिर की सजावट मन मोह लेती है। जो भक्त सच्ची श्रद्धा से मां के दरबार में मत्था टेकता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।

पूरा परिवार रखता आस्था: सावित्री

घरौंडा की नसीब विहार कालोनी में रहने वालीं सावित्री देवी बताती हैं कि उनका पूरा परिवार देवी मंदिर के प्रति अनन्य आस्था रखता है। बेटे और उसकी सभी संतान यहां नियमित रूप से दर्शन करने आती हैं। सच्चे मनोभाव से मंदिर में की गई कामना अवश्य पूर्ण होती है।

बनी रहे मां की कृपा: शिवानी

मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत शिवानी ने बताया कि भले ही कामकाज और अच्छे रोजगार के सिलसिले में उनका घरौंडा कम ही आना होता है लेकिन जब भी ऐसा संभव होता है तो प्राचीन देवी मंदिर अवश्य जाती हैं। यहां पूजा अर्चना करके संतोष मिलता है। मां की कृपा सभी पर बनी रहे, यही प्रार्थना है।

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