राइस मिलों को आठ घंटे और सप्ताह में पांच दिन चलाने का फरमान वापस ले सरकार: जैन

हरियाणा राइस एक्सपोटर्स एसोसिएशन की बैठक में लिया निर्णय सरकार ने बात नहीं मानी तो सड़कों पर उतरेंगे व्यापारी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:17 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:17 PM (IST)
राइस मिलों को आठ घंटे और सप्ताह में पांच दिन चलाने का फरमान वापस ले सरकार: जैन
राइस मिलों को आठ घंटे और सप्ताह में पांच दिन चलाने का फरमान वापस ले सरकार: जैन

- हरियाणा राइस एक्सपोटर्स एसोसिएशन की बैठक में लिया निर्णय

- सरकार ने बात नहीं मानी तो सड़कों पर उतरेंगे चावल कारोबारी

जागरण संवाददाता, करनाल: हरियाणा राइस एक्सपोटर्स एसोसिएशन ने एलान किया है कि अगर 24 घंटे के भीतर राइस मिलों को आठ घंटे और सप्ताह में पांच दिन चलाने के फरमान को सरकार ने वापस नहीं लिया तो चावल व्यापारी सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। सरकार ने प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए यह फरमान सुनाया है, जिसका राइस मिलर पुरजोर विरोध कर रहे हैं। एसोसिएशन की जिला सचिवालय में एडीसी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया।

मीटिग के बाद पत्रकारों से बातचीत में एसोसिएशन के प्रधान सुशील जैन ने कहा कि अधिकारी सरकार को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। राइस इंडस्ट्री 24 घंटे सातों दिन क्लीन और ग्रीन फ्यूल पर काम करती है। राइस मिलर प्रदूषण फैलाने का काम नहीं कर रहे। चिमनियों पर आनलाइन मानीटिरंग के लिए मीटर लगाए गए हैं, जिनके आंकड़े दिल्ली विभाग तक जाते हैं। दिल्ली व एनसीआर में जो प्रदूषण फैला है वह केवल वाहनों से फैल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार केवल चार प्रतिशत प्रदूषण पराली के जलने से फैलता है।

उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं को बचाने के लिए सरकार को गुमराह कर रहे हैं। राइस मिल संचालकों ने कहा कि विदेशों में चावल निर्यात के लिए बहुत बड़े-बड़े आर्डर आए हुए हैं। समय पर डिलीवरी करने के लिए 24 घंटे और सातों दिन राइस मिल चलना जरूरी है। पूरे देश से चार मीलियन टन चावल का निर्यात विदेशों में होता है। इसमें दो मीलियन टन एनसीआर के क्षेत्र में आने वाली राइस मिलों से होता है। इनमें सबसे ज्यादा करनाल जिले की राइस मिल चावल उत्पादन करती हैं। नाराज चावल व्यापारियों ने कहा कि सरकार राइस मिलों में काम करने वाले लोगों की रोजी रोटी छीनने का काम कर रही है। सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया तो मिल बंद करके सड़कों पर उतरना पड़ेगा। सतीश गोयल, विजय सेतिया, अनिल अरोड़ा, प्रमोद बंसल, नरेश बंसल, जयकिशन गोयल, ईश्वर गोयल, नरेश मेहता, राजिद्र रहेजा, डा. अनिल, राजेश गोयल, देवेंद्र सिगला, विनोद गोयल व राकेश हंस मौजूद रहे।

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