संस्कारों की पाठशला में विद्यार्थी बोले : हम भी दीपा करमाकर की तरह करेंगे कड़ी मेहनत

दैनिक जागरण की ओर से जैन ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुआ संस्कारशाला पीयर टू पीयर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Nov 2018 06:50 PM (IST) Updated:Wed, 21 Nov 2018 02:02 AM (IST)
संस्कारों की पाठशला में विद्यार्थी बोले : हम भी दीपा करमाकर की तरह करेंगे कड़ी मेहनत
संस्कारों की पाठशला में विद्यार्थी बोले : हम भी दीपा करमाकर की तरह करेंगे कड़ी मेहनत

दैनिक जागरण की ओर से जैन ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुआ संस्कारशाला पीयर टू पीयर कार्यक्रम

कर्ण पब्लिक स्कूल की छात्रा तानिया और मिताली ने सुनाई दीपा करमाकर की प्रेरक कहानी जागरण संवाददाता, करनाल

दैनिक जागरण संस्कारशाला के तहत रेलवे रोड स्थित जैन ग‌र्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में पीयर टू पीयर कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मंगलवार को आयोजित संस्कारों की पाठशाला में विद्यार्थियों ने उत्साह से भाग लिया। जिम्नास्ट दीपा करमाकर के जीवन पर आधारित प्रेरक कहानी सुन बच्चे एक ही सुर में बोले-हम भी दीपा की तरह कड़ी मेहनत करेंगे और हर मुश्किल को आसान बनाते हुए सफलता हासिल करने का प्रयास करेंगे। मॉर्निंग असेंबली में हुए कार्यक्रम में जिम्नास्ट दीपा करमाकर के जीवन की कहानी कड़ी मेहनत से मिलती है सफलता का कर्ण पब्लिक स्कूल की दसवीं कक्षा की छात्रा तानिया और मिताली ने सुंदर वर्णन किया। मंच से कहानी सुनाते हुए उन्होंने जिम्नास्ट दीपा की उपलब्धियां भी बच्चों को बताई। कार्यक्रम में स्कूल ¨प्रसिपल गौतम जैन और कर्ण पब्लिक स्कूल की ¨हदी शिक्षिका पूनम विशेष रूप से उपस्थित रही। हर सवाल का दिया सटीक जवाब

कार्यक्रम में कहानी सुनाने के बाद छात्रा तानिया और मिताली ने बच्चों से कहानी से संबंधित सवाल भी पूछे। इसका बच्चों ने सटीक जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने पढ़ाई के अलावा खेलों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने का प्रण लिया।

संस्कारशाला कार्यक्रम दैनिक जागरण का अच्छा प्रयास : ¨प्रसिपल

¨प्रसिपल गौतम जैन ने कहा की कोई भी काम ऐसा नहीं है, जिसे हम न कर सकें। बशर्ते काम के प्रति मन में दृढ़ विश्वास और कठिन परिश्रम करने की लग्न होनी चाहिए। इससे हम बड़े से बड़े सपने को पूरा कर सकते हैं। जिम्नास्ट दीपा की कहानी भी हमें कड़ी मेहनत और काम के प्रति लग्न रखने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि दैनिक जागरण की ओर से आयोजित संस्कारशाला कार्यक्रम एक अच्छा प्रयास है। स्कूल में कार्यक्रम के आयोजन के लिए उन्होंने दैनिक जागरण का आभार जताया। काम के प्रति लग्न हो तो सब आसान

छठी कक्षा के छात्र दीपक ने बताया कि काम के प्रति लगन हो तो मुश्किल भी आसान हो जाती है। संस्कारशाला की कहानी से भी यही सीख मिली है। मन में विश्वास होना जरूरी

सातवीं कक्षा के छात्र दीपक ने कहा कि किसी भी काम को करने से पहले विषय के प्रति मन में विश्वास होना जरूरी है। विश्वास पर खरा उतरते हुए मेहनत करेंगे तो कामयाबी जरूर मिलेगी। मेहनत है तो संसाधनों के बिना भी मिल सकती है कामयाबी

नौवीं कक्षा की छात्रा स्नेहा ने कहा कि हर कार्य में मेहनत होना जरूरी है। अगर संसाधन भी पर्याप्त नहीं हैं, फिर भी मेहनत के बल पर कामयाबी मिल सकती है। जिम्नास्ट दीपा ने भी संसाधनों के अभाव में शुरुआत की थी। जितना हो उतने में गुजारा करना सीखें

11वीं कक्षा की कीर्ति ने कहा कि किसी खेल या किसी भी कार्य के लिए हमारे पास जितने भी संसाधन हों, उतने में ही गुजारा करते हुए काम करना चाहिए। दीपा करमाकर की कहानी से हमें भी यह सीख मिलती है। जिम्नास्ट की कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिला

छात्र विनीत ने कहा कि दैनिक जागरण का कार्यक्रम काफी अच्छा है। जिम्नास्ट दीपा करमाकर की कहानी से बहुत कुछ सीखने को मिला है। इसे हम अपने जीवन पर भी लागू कर सकते हैं। अच्छे संस्कारों से ही होगा सभ्य समाज का निर्माण

छात्रा रिद्धि ने कहा कि दैनिक जागरण अभियान चलाकर बच्चों को संस्कारित कर रहा है। अच्छे संस्कार सीखेंगे तभी सभ्य समाज का निर्माण होगा। कहानी काफी प्रेरणादायी थी।

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