पराली प्रबंध को लेकर विद्यार्थियों ने बनाए चित्र

केंद्रीय विद्यालय में राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से पराली प्रबंधन विषय पर भाषण एवं चित्रकला प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Nov 2021 08:07 PM (IST) Updated:Fri, 12 Nov 2021 08:07 PM (IST)
पराली प्रबंध को लेकर विद्यार्थियों ने बनाए चित्र
पराली प्रबंध को लेकर विद्यार्थियों ने बनाए चित्र

जागरण संवाददाता, करनाल : केंद्रीय विद्यालय में राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान के मार्गदर्शन में कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से पराली प्रबंधन विषय पर भाषण एवं चित्रकला प्रतियोगिता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता में कक्षा नौ से 12 व चित्रकला प्रतियोगिता में कक्षा छह से आठ के कुल 148 छात्र-छात्राों ने भाग लिया।

कृषि विज्ञान केंद्र के अध्यक्ष डा. पंकज कुमार सारस्वत ने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन प्रोजेक्ट के अंतर्गत खेत की पराली का खेत में ही समाधान हो। इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र ने पराली के प्रबंधन के लिए किसानों को पूसा डीकम्पोसेर का छिडकाव करने के लिए समझाया। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वह अपने परिजनों व आसपास के किसानो को यह बात समझाएं की पराली न जलाएं। पराली जलाने के हानिकारक प्रभाव विषय पर मुनीष लहरवान ने विद्यार्थियों से चर्चा करते हुए बताया कि पराली जलाने के बजाय किसान को पराली का मशीनों जैसे कि हैप्पी सीडर, जीरो टीलेज, मुल्चर और एमबी प्लौ द्वारा पराली प्रबंधन करके गेहूं की बिजाई करनी चाहिए। तकनीकी सत्र में डा. योगेश कुमार ने मौसम विज्ञान के विभिन्न पहलुओं की जानकारी छात्र छात्राओं को दी गई। डा. राजकुमार ने पराली प्रबंधन परियोजना के बारे में विस्तार से बताया। इसके बाद भाषण प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने पराली प्रबंधन के विभिन्न आयाम पर अपना भाषण प्रस्तुत करते हुए पराली से जलाने से होने वाले नुकसान जैसे वायु प्रदूषण, मृदा स्वास्थ्य में गिरावट, फसल उपज में कमी तथा भूमि में सूक्ष्म जीवों की संख्या में कमी व उर्वरक दक्षता में कमी विषय पर विचार प्रस्तुत किए। विद्यालय के प्रधानाचार्य राजकुमार ने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।

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