फसलों पर अंधाधुंध पेस्टीसाइड का स्प्रे करना खाद्य पदार्थो को विषैला बनाना, मजदूरों को भी खतरा

हरियाणा विज्ञान मंच फसलों पर अंधाधुंध स्प्रे न करने तथा स्प्रे मजदूरों को कीटनाशक दवाईयों का स्प्रे करते समय सावधानियां रखने के लिए जिला करनाल में जागरूक करने का अभियान चलाया हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:21 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:21 PM (IST)
फसलों पर अंधाधुंध पेस्टीसाइड का स्प्रे करना खाद्य पदार्थो को विषैला बनाना, मजदूरों को भी खतरा
फसलों पर अंधाधुंध पेस्टीसाइड का स्प्रे करना खाद्य पदार्थो को विषैला बनाना, मजदूरों को भी खतरा

जागरण संवाददाता, करनाल : हरियाणा विज्ञान मंच फसलों पर अंधाधुंध स्प्रे न करने तथा स्प्रे मजदूरों को कीटनाशक दवाईयों का स्प्रे करते समय सावधानियां रखने के लिए जिला करनाल में जागरूक करने का अभियान चलाया हुआ है। इसी कड़ी में सोमवार को गांव बीर बड़ालवा में स्प्रे करने वाले मजदूरों व किसानों का एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। गांव बीर बडालवा खंड नीलोखेड़ी में जिले करनाल का पिहोवा रोड पर अंतिम गांव है। इस गांव की 80 फीसद आबादी मजदूरी करती है। यह गांव स्प्रे करने वाले मजदूरों का जिला करनाल में हब है, क्योंकि इस गांव के स्प्रे करने वाले मजदूर आसपास के 20 किलोमीटर के दायरे में स्प्रे करने जाते है। हरियाणा विज्ञान मंच के के राज्य कमेटी सदस्य व कृषि किसान कल्याण विभाग हरियाणा से सेवानिवृत्त विषय विशेषज्ञ पौध संरक्षण डा. राजेन्द्र सिंह ने कीटनाशक दवाईयों के स्प्रे के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्हें स्प्रे के दौरान सुरक्षा किट पहनने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि की हमारे देश का चावल निर्यात में प्रमुख स्थान रखता है, लेकिन प्रतिबंधित कीटनाशक दवाईयों के स्प्रे करने की वजह से हमारे देश का बासमती चावल अधिक जहर होने की वजह से विदेशों में स्वीकार नहीं किया जा रहा है। यह स्थिति हमारे स्प्रे मजदूरों के लिए भी प्रतिकूल है। किसानों, स्प्रे मजदूरों, चावल निर्यातक व्यापारियों को मिलकर जहर मुक्त खेती के लिए अभियान चलाना चाहिए।

बासमती को जहर मुक्त बनाने के लिए 30 गांवों में चलाया जा रहा अभियान

आपके क्षेत्र में बासमती की उन्नत किस्म सीएसआर 30 के अधीन 70 फीसद क्षेत्र है यहां की बासमती विश्व में प्रसिद्ध है। नाबार्ड, किसान उत्पादक संघ करनाल व पर्यावरणविद, भारतीय चावल निर्यातक संघ के पूर्व अध्यक्ष विजय सेतिया के सहयोग से इस क्षेत्र में जहर मुक्त बासमती चावल तैयार करने का 30 गांवों में अभियान चलाया गया है। इसके बहुत अच्छे परिणाम सामने आ रहे है। भविष्य में सभी किसानों को ऐसे अभियानों में शामिल होने की अपील की। स्प्रे मजदूर श्री सोहन सिंह, कश्मीरी लाल व पवन कुमार ने कहा कि खरीफ व रबी फसलों की बिजाई के तुंरन्त बाद खण्ड सत्र पर इस तरह के प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाने चाहिए। इससे मजदूरों की सुरक्षा के अलावा अंधाधुंध कीटनाशक स्प्रे पर भी रोक लगेगी। इस अवसर पर ध्यान सिंह पूर्व कृषि विस्तार सलाहकार शेर सिंह, रोशन लाल, राजकुमार, पाला राम व सोहन लाल मौजूद रहे।

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