स्वच्छता कायम रखने में निर्णायक साबित होगा मल-कचरा प्रबंधन का कार्य : बंसल

स्वच्छता विकास की दूरी है स्वच्छ नागरिक ही स्वच्छ समाज की नींव रखते हैं। स्वच्छता कायम रखने में मल कचरा प्रबंधन भी निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 09:54 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 09:54 AM (IST)
स्वच्छता कायम रखने में निर्णायक साबित होगा मल-कचरा प्रबंधन का कार्य :  बंसल
स्वच्छता कायम रखने में निर्णायक साबित होगा मल-कचरा प्रबंधन का कार्य : बंसल

जागरण संवाददाता, करनाल

स्वच्छता विकास की दूरी है, स्वच्छ नागरिक ही स्वच्छ समाज की नींव रखते हैं। स्वच्छता कायम रखने में मल कचरा प्रबंधन भी निर्णायक भूमिका अदा कर सकता है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत ओडीएफ प्लस की गतिविधियों में मल-कचरा प्रबंधन भी शामिल है। यदि गांवों में सैप्टिक टैंक से निकलने वाला काला पानी नालियों में जाने से रोक दिया जाए तथा सैप्टिक टैंकों की समय-समय पर निरंतर सफाई होती रहे तो काले पानी से दूषित होने वाले जोहड़ के पानी को बचाया जा सकता है।

यह बात एडीसी अशोक कुमार बंसल ने खंड नीलोखेड़ी कार्यालय में सामाजिक दूरी को ध्यान में रखकर आयोजित एक दिवसीय ओरियंटेशन कार्यशाला के दौरान कही। उन्होंने कहा कि अभी तक सैप्टिक टैंकों की सफाई कार्य प्राइवेट व्यक्तियों द्वारा मनमाने रेट पर किया जाता था, लेकिन अब हरियाणा सरकार के मल-कचरा प्रबंधन प्रोजेक्ट के तहत सैप्टिक टैंकों की सफाई सरकारी रेट पर सक्शन मशीन के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए 800 रुपये सरकारी रेट निर्धारित किया गया है। खरीदी जा चुकी मशीनरी

जिले के खण्ड नीलोखेड़ी से इस प्रोजेक्ट के शुभारंभ के लिए ट्रैक्टर तथा सक्शन मशीन की खरीद की जा चुकी है। इस मशीनरी से खंड नीलोखेड़ी की सभी 73 ग्राम पंचायतों को कवर किया जाएगा। प्रोजेक्ट को लेकर सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि सैप्टिक टैंकों से निकलने वाले मल को खुले में ना फेंककर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में पहुंचाया जा सके। एनजीटी की अनुपालना में क्रियान्वयन

एडीसी ने बताया कि यह प्रोजेक्ट एनजीटी की अनुपालना में जिले में सर्वप्रथम खंड नीलोखेड़ी की ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा। प्रोजेक्ट सफल रहता है तो यह राज्य सरकार के निर्देशानुसार पूरे जिले लागू किया जा सकता है। उन्होंने सरपंचों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि इस प्रोजेक्ट को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन का साथ दे। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि आइईसी के माध्यम से सभी ग्राम-पंचायतों में ग्रामीणों को जागरूक किया जाएगा जिसके अंर्तगत गांव के प्रत्येक वार्ड में इससे संबंधित पेंटिग की जाएगी तथा एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाएगा।

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