पोर्टल पर घटाई उपज लिमिट, प्रति एकड़ 33 की बजाये अब 25 क्विटल निर्धारित

सरकारी सिस्टम में उलझन होने की वजह से मंडियों में धड़ल्ले से उत्तरप्रदेश का गेहूं पहुंच रहा है। गेहूं खरीद के अंतिम दौर में सरकार ने पोर्टल पर प्रति एकड़ उपज लिमिट को 33 क्विंटल से घटाकर 25 क्विंटल कर दिया है। पोर्टल पर घटाई गई लिमिट से उत्तर प्रदेश से सस्ते गेहूं की ट्रेडिग में लगे आढ़तियों को झटका लगेगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 07:55 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 07:55 AM (IST)
पोर्टल पर घटाई उपज लिमिट, प्रति एकड़ 33 की बजाये अब 25 क्विटल निर्धारित
पोर्टल पर घटाई उपज लिमिट, प्रति एकड़ 33 की बजाये अब 25 क्विटल निर्धारित

संवाद सहयोगी, घरौंडा : सरकारी सिस्टम में उलझन होने की वजह से मंडियों में धड़ल्ले से उत्तरप्रदेश का गेहूं पहुंच रहा है। गेहूं खरीद के अंतिम दौर में सरकार ने पोर्टल पर प्रति एकड़ उपज लिमिट को 33 क्विंटल से घटाकर 25 क्विंटल कर दिया है। पोर्टल पर घटाई गई लिमिट से उत्तर प्रदेश से सस्ते गेहूं की ट्रेडिग में लगे आढ़तियों को झटका लगेगा। इस फेरबदल से किसान की वास्तविक उपज मंडी आएगी और बारदाने की किल्लत दूर होने की उम्मीद है। सरकार द्वारा तय किये गए नियमों में किए गए बदलाव पर देर आए दरुस्त आए.. कहावत सटीक बैठती है। मंडियों में गेहूं खरीद के करीब 20 दिनों बाद सरकार ने पोर्टल रजिस्ट्रेशन पर प्रति एकड़ गेहूं उपज लिमिट को 25 फीसद कम कर दिया है। सरकार का ये फैसला ऐसे समय पर आया है जब मंडियों में लगभग 70 फीसद खरीद हो चुकी है। सरकार ने ये फैसला मंडियों में धड़ल्ले से चल रही गेहूं ट्रेडिग पर अंकुश लगाने के लिए लिया है।

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33 क्विंटल की लिमिट का जमकर फायदा उठाया

आपको बता दें कि प्रति एकड़ गेहूं पैदावार का औसत 20 से 22 क्विंटल है। ऐसे में व्यापारियों ने पोर्टल पर तय की गई 33 क्विंटल की लिमिट का जमकर फायदा उठाया। किसानों के नाम पर व्यापारियों ने उत्तर प्रदेश से सस्ती गेहूं मंगवाकर एमएसपी पर बेची और खूब मुनाफा कमाया। ट्रेडिग के मामलों पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने अब पोर्टल पर गेहूं की प्रति एकड़ लिमिट 25 क्विंटल निर्धारित कर दी है। गेहूं की वास्तविक उपज और पोर्टल लिमिट में करीब 33 फीसद का बड़ा गैप था। घरौंडा अनाज मंडी के बाहर सुबह ही उत्तर प्रदेश के ट्रैक्टर-ट्रालियों का जमावड़ा लगता है। बुधवार को भी आधा दर्जन के करीब ट्रालियां उत्तर प्रदेश से गेहूं लेकर मंडी में पहुंची। हाइवे के पुल के नीचे ट्रैक्टर चालक रुकते हैं जहां पर सम्बन्धित आढ़ती उन्हें लोकल किसान का आधार कार्ड देता है ताकि वह उस किसान के नाम पर मंडी गेट पास ले सके।

मार्केट कमेटी सचिव चंद्रप्रकाश ने बताया कि सरकार ने गेहूं की उत्पादकता लिमिट को 33 क्विंटल प्रति एकड़ से घटाकर 25 क्विटल प्रति एकड़ कर दिया है। अब किसान को 25 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से ही गेट पास जारी होगा। जिन्होंने 33 क्विटल के हिसाब से एंट्री करवाई थी उनकी स्वत: ही 25 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से हो गई है। माना जा रहा है कि सरकार ने यह फैसला उत्तर प्रदेश से गेहूं की ट्रेडिग पर लगाम लगाने के लिए लिया है।

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