प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : फार्म के नाम पर पैसे ठगने वाला गिरोह सक्रिय

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों को ठगने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। यह गिरोह किसानों से फार्म के नाम पर पचास-पचास रुपए ठग रहा है। जानकारी न होने की वजह से किसान इनके झांसे में आ रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Feb 2019 08:18 AM (IST) Updated:Fri, 15 Feb 2019 08:18 AM (IST)
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : फार्म के नाम पर पैसे ठगने वाला गिरोह सक्रिय
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना : फार्म के नाम पर पैसे ठगने वाला गिरोह सक्रिय

जागरण संवाददाता करनाल : प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के नाम पर भोले-भाले ग्रामीणों को ठगने वाला गिरोह सक्रिय हो गया है। यह गिरोह किसानों से फार्म के नाम पर पचास-पचास रुपए ठग रहा है। जानकारी न होने की वजह से किसान इनके झांसे में आ रहे हैं। जिले के गांव गढ़ी बीरबल में दस किसानों ने शिकायत भी दी है। अभी तक इस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बताया जा रहा है कि तीन सौ से ज्यादा किसान ठगी का शिकार हो गए हैं। इंद्री क्षेत्र के गढ़ीबीरबल इलाके में आने वाले गांव चंद्राव निवासी किसान सुखदेव, परवीन, विनोद, जय ¨सह ने बताया कि प्रति फार्म 50 रुपये लिए जा रहे हैं।

किसान लूट रहे, प्रशासन उदासीन

प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता ठगों के काम को आसान कर रही है। अभी तक किसानों को जागरूक करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है। फार्म कहां मिलेंगे, कैसे भरे जाएंगे, इस बारे में भी किसानों को जागरूक करने का कोई सिस्टम नहीं है। इसका लाभ ठग उठा रहे हैं। किसान भी उन पर यकीन कर लेते हैं। युवा किसान संघ के प्रधान प्रमोद चौहान ने बताया कि यदि प्रशासन इस ओर ध्यान दे तो किसान लूटने से बच सकते हैं। लेकिन प्रशासन को किसानों की ¨चता करने की जरूरत ही क्या है?

एसडीएम यूं रोक रहे ठगी को

इंद्री के एसडीएम को किसानों ने शिकायत की। अब होना तो यह चाहिए था कि वह इस मामले पर तुरंत एफआइआर दर्ज करा ठगों की पहचान करते। लेकिन हो यह रहा है कि एसडीएम सुमित सिहाग ने किसानों की शिकायत तहसीलदार इंद्री को भेज दी। किसानों ने बताया कि शिकायत के बाद भी अधिकारियों यह रवैया है तो वह क्या कर सकते हैं? उन्होंने बताया कि अब होगा यह कि तहसीलदार शिकायत को पटवारी के पास भेजे देंगे। जब तक यह शिकायत अधिकारियों के चक्कर काटती रहेगी तब तक ठग वारदात को अंजाम दे निकल जाएंगे।

अधिकारियों के इसी रवैये से सरकार की कल्याणकारी योजनाएं बन जाती है परेशानी

सरकार की कल्याणकारी योजनाएं पात्रों के लिए इसी तरह से परेशानी की वजह बन जाती है। केंद्र सरकार की यह योजना किसानों के कल्याण को ध्यान में रख कर तैयार की गई है। इस तरह की कल्याणकारी योजनाओं के नाम पर पहले भी ठगी हो चुकी है। इस बार किसान ठगों का शिकार न बने। कैसे उन्हें बचाया जाए? इस बारे में प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया। इसके चलते अच्छी खासी योजना का किसानों में खराब संदेश जा रहा है।

यह होना चाहिए था

फार्म कहां से मिलेंगे, कैसे भरे जाएंगे यह साफ होना चाहिए

फार्म कहां से मिलेगा? यह जानकारी किसानों को दी जानी चाहिए थी। कैसे भरे जाएंगे। यह भी उन्हें पता होना। जिससे उनके लिए काम करना आसान होता। वह बिना किसी दिक्कत के फार्म भर सकते थे।

क्या-क्या दस्तावेज लगेंगे

यह जानकारी भी नहीं दी जा रही कि दस्तावेज क्या क्या लगाए जाने हैं? इस वजह से किसानों में भ्रम की स्थिति बनी हुई है। जब किसान किसी से पूछने जाते हैं तो उन्हें सही से इस बारे में बताया ही नहीं जाता।

शिविर लगाया जा सकता था

शिविर लगा कर किसानों के फार्म जमा कराए जा सकते थे। इसमें जो जो दस्तावेज चाहिए था, उसके अधिकार भी यदि मौके पर मौजूद हो तो आसानी से जरूरी दस्तावेज पूरे हो सकते थे। इस ओर भी ध्यान नहीं दिया।

जागरण बता रहा है : कैसे फार्म जमा कराए, क्या क्या दस्तावेज लगेंगे

एक लिस्ट सरकार की ओर से तैयार की गयी है। लेकिन यह फाइनल नहीं है। अब गांव में पटवारी, ग्राम सचिव, एक नंबरदार, एक नंबरदार वहां का जहां सर्वे होना है, वह टीम में शामिल होगा। वह किसानों का सर्वे करेगा। फार्म मौके पर भरेगा, इस फार्म को तहसील में बैठे कृषि विभाग के कर्मचारी के पास जमा कराना होगा।

फार्म मुफ्त में मिलेगा। गांव के पटवारी, ग्राम सचिव से फार्म लिया जा सकता है। किसान को बैंक अकाउंट, आधार कार्ड और जमीन के दस्तावेज दिखाने होते है। पटवारी व गांव सचिव ही फार्म को लेगा।

ये ले सकते हैं योजना का लाभ

पांच एकड़ से कम जमीन होनी चाहिए। पैंशन दस हजार रुपये से कम होनी चाहिए। परिवार में कोई भी सदस्य सरकारी नौकर नहीं होना चाहिए।

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