हरियाणा और उप्र की बाउंड्री तय करने के लिए लगेंगे पिलर

जागरण संवाददाता करनाल हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में यमुना नदी की बाउ

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 05:48 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 05:48 AM (IST)
हरियाणा और उप्र की बाउंड्री तय करने के लिए लगेंगे पिलर
हरियाणा और उप्र की बाउंड्री तय करने के लिए लगेंगे पिलर

जागरण संवाददाता, करनाल

हरियाणा और उत्तर प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों में यमुना नदी की बाउंड्री निश्चित करने के मकसद से पिलर लगाने का काम जल्द शुरू होगा। शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग (बीएंडआर) और राजस्व अधिकारियों के साथ इस संबंध में की गई बैठक के दौरान डीसी निशांत कुमार यादव ने यह जानकारी दी।

डीसी ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर इस काम को शुरू करेंगे। पिलर का डिजाइन तैयार हो गया है, जो पंजाब इंजीनयरिग कॉलेज चंडीगढ़ से कराया गया है। लोक निर्माण विभाग की ओर से पिलरों के खर्च के लिए एक करोड़ 74 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति का पत्र चंडीगढ़ मुख्यालय भेज दिया है, जो जल्द मिल जाएगी। डीसी ने बीएंडआर के अधिकारियों से कहा कि वे कार्य के टेंडर लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दें। यह होगा पिलरों का साइज

मीटिग में डीसी ने बताया कि प्रत्येक पिलर की ऊंचाई 21.5 मीटर ली गई है। पानी के अंदर लगने वाले पाइल पिलर होने के कारण यह 17 मीटर नीचे जमीन में गाढ़े जाएंगे। पिलर लगाने का कार्य बीएंडआर-1 की सुपर विजन में होगा। पिलर कहां-कहां लगेंगे, इसके निशान सर्वे ऑफ इंडिया की तरफ से कुछ समय पहले ही दे दिए गए थे। उन्होंने बताया कि पिलरों को खड़ा करने की एक्यूरेसी के लिए 7 सब रेफरेंस पिलर पहले ही किनारों पर लगाए जा चुके हैं, जिनसे बाउंडरी की लोकेशन तय होगी। पायलट प्रोजेक्ट में दो गांव

डीसी ने बताया कि पिलर लगाने का काम पायलेट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है, इसमें दो गांव लिए गए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के शामली का चकबड़ी और हरियाणा के करनाल का बड़ी गांव शामिल है। दोनों राज्यों के अधिकारियों के साथ इस काम को लेकर पहले ही मीटिग मुकम्मल की जा चुकी है। ऑड-ईवन फार्मूले पर लगेंगे पिलर

डीसी ने बताया कि पिलर लगाने का काम ऑड-ईवन फार्मूले के आधार पर किया जाएगा। ऑड नम्बर हरियाणा के लिए और ईवन यूपी के लिए हैं। यह सब भी दोनों राज्यों के बीच विगत में हुई बैठक में तय हो गया था। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के आदेशों के बाद दोनो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने निजी रूचि लेकर पायलट आधार पर पिलर लगाने की योजना बनाई थी। पिलर लगने पर दोनों ओर के मुख्यमंत्रियों ने इसे देखने की इच्छा जाहिर की है।

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