ट्रेनें बाधित होने के कारण घरौंडा रेलवे स्टेशन पर मायूस लौटे यात्री
आंदोलनकारियों की ओर से करनाल में रेलवे ट्रैक जाम करने का असर ट्रेनों के साथ-साथ यात्रियों पर भी पड़ा। लखीमपुर खीरी की घटना व कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों को लेकर सोमवार को आंदोलनकारियों ने करनाल में ट्रैक जाम कर दिया। घरौंडा रेलवे स्टेशन पर पहुंचें लोगों को मायूस लौटना पड़ा।
संवाद सहयोगी, घरौंडा : आंदोलनकारियों की ओर से करनाल में रेलवे ट्रैक जाम करने का असर ट्रेनों के साथ-साथ यात्रियों पर भी पड़ा। लखीमपुर खीरी की घटना व कृषि कानूनों को रद्द करने की मांगों को लेकर सोमवार को आंदोलनकारियों ने करनाल में ट्रैक जाम कर दिया। घरौंडा रेलवे स्टेशन पर पहुंचें लोगों को मायूस लौटना पड़ा। ट्रेने रद होने के कारण यात्रियों को बसों में सफर के लिए मजबूर होना पड़ा। जिससे पूरा दिन बसों में भी यात्रियों की भीड़ नजर आई। घरौंडा बस क्यू शेल्टर पर भी बस चालकों ने बसों को क्यू शेल्टर से आगे या पीछे रोका। जिससे यात्रियों को बसें पकड़ने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इतना ही नहीं बस स्टैंड में बसों की एंट्री अनिवार्य होने के बावजूद करनाल की तरफ से आने वाली बसें सीधी ही निकल गई।
यात्री भटकते नजर आए। घरौंडा रेलवे स्टेशन पर पहुंचे यात्रियों में ट्रेन रद होने को लेकर गुस्सा साफ नजर आ रहा था। ट्रेन यात्री राजेश, सुरजीत ने बताया कि किसान आंदोलन कई महीने से चला आ रहा है और इस दौरान किसानों ने कई बार ट्रेनें रोकी हैं और कई बार हाईवे को भी जाम किया है। जिसका खामियाजा सिर्फ आम जनता को ही भुगतना पड़ा है। ट्रेन में सफर करने वालों के लिए भी मुसीबतें कुछ कम नहीं है उनको भी शाम चार बजे तक रेलवे ट्रेक बहाल होने का इंतजार करना पड़ता है। वहीं बस यात्रियों का कहना है कि घरौंडा में बस चालक अपनी मनमानी करते है। बसों को बिना बस स्टैंड में प्रवेश करवाए ही निकल जाते है और बस क्यू शेल्टर पर भी आगे पीछे बसें रोकी जाती है। लिहाजा यात्रियों को बसें भागकर पकड़नी पड़ती है। सरकार ने बसें सवारियां ढोने के लिए चलाई है ना कि खाली दौड़ने के लिए। शासन व प्रशासन को ऐसे बस चालकों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिए।