दो दिन बाद शुरू हुई धान की खरीद, मंडी के बाहर सुबह पांच बजे से बनी जाम की स्थिति

उठान के कारण दो दिन बंद रही धान की खरीद मंगलवार को फिर से शुरू की गई। लेकिन हालात बेकाबू रहे। करनाल अनाज मंडी के तीनों गेटों पर जाम की स्थिति बनी रही। हालात ऐसी हो गई की सर्विस लेन पर लंबा जाम लग गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 07:50 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 07:50 PM (IST)
दो दिन बाद शुरू हुई धान की खरीद, मंडी के बाहर सुबह पांच बजे से बनी जाम की स्थिति
दो दिन बाद शुरू हुई धान की खरीद, मंडी के बाहर सुबह पांच बजे से बनी जाम की स्थिति

जागरण संवाददाता, करनाल : उठान के कारण दो दिन बंद रही धान की खरीद, मंगलवार को फिर से शुरू की गई। लेकिन हालात बेकाबू रहे। करनाल अनाज मंडी के तीनों गेटों पर जाम की स्थिति बनी रही। हालात ऐसी हो गई की सर्विस लेन पर लंबा जाम लग गया। जिसे खुलवाने के लिए पुलिस के पसीने छूट गए। हालांकि बीते सोमवार तक 80 फीसदी उठान हो चुका था, लेकिन बावजूद इसके आवक अधिक होने के कारण मंडी फिर से धान से अट गई है। मार्केटिग बोर्ड के लाख प्रयास के बाद भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही है। मौसम को देखते हुए भी किसान अपनी धान को लेकर मंडियों में ज्यादा संख्या में पहुंच रहे हैं। मार्केट कमेटी अधिकारियों ने बताया कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अपने स्तर भी स्टाफ की ड्यूटियां लगाई गई हैं। जिले में अब तक 6.24 लाख मीट्रिक टन धान की आवक

जिले में धान की खरीद का कार्य जोरों पर चल रहा है। गत दिनों तक जिले की मंडियों में 6 लाख 24 हजार 602 मीट्रिक टन धान की खरीद सरकारी एजेंसी द्वारा की गई। एजेंसियों को खरीदी गई धान का उठान में तुरंत करवाने के आदेश खरीद एजेंसी को दिए गए हैं। ने बताया कि धान की खरीद का कार्य जिले में 15 मंडी परचेज सेंटरों पर शुरू कर दिया गया है। अब तक 6 लाख 24 हजार 602 मीट्रिक टन धान मंडियों में आई। जिससे सरकारी खरीद एजेंसियों द्वारा खरीदा गया। इसमें से 382433 मीट्रिक टन धान खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा, 145019 मीट्रिक टन हैफेड द्वारा तथा 97150 मीट्रिक टन हरियाणा वेयर हाउसिग द्वारा खरीदा गया। धान का खरीद कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। किस मंडी में कितनी हुई धान की खरीद

सेंटर का नाम कितनी खरीद हुई एमटी में

करनाल 112933 मीट्रिक टन

असंध 84868 मीट्रिक टन

बल्ला 5402 मीट्रिक टन

ब्याना 6758 मीट्रिक टन

घरौंडा 91136 मीट्रिक टन

घीड़ 9107 मीट्रिक टन

इंद्री 65595 मीट्रिक टन

जुंडला 63739 मीट्रिक टन

कुंजपुरा 25765 मीट्रिक टन

निगदू 25883 मीट्रिक टन

नीलोखेड़ी 8658 मीट्रिक टन

निसिग 71998 मीट्रिक टन

तरावड़ी 52760 मीट्रिक टन वर्जन

किसानों से अपील की कि वे अपनी फसल को सुखाकर मंडियों में लेकर आएं ताकि उन्हें फसल बेचने में कोई परेशानी न आए। उन्होंने यह भी कहा कि किसान फसलों के अवशेषों को खेतों में ना जलाएं बल्कि उनका खेतों में ही समुचित प्रबंध करें। सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर किसानों को अनेक प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। सरकार की इन स्कीमों का लाभ उठाएं।

चंद्रप्रकाश, सचिव, मार्केट कमेटी।

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