व्यवस्था की खामियों को नमी की चादर से ढक रहे अधिकारी

व्यवस्थाओं के आलम में जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद व उठान पूरी तरह से प्रभावित है। प्रयोग के तौर पर पहली बार मंडी में उतारे अप्रशिक्षित राशन डिपोधारक भी नदारद हैं। प्रशासन की ओर से आढ़तियों को दो फाड़ करने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद एजेंसियों के नुमाइंदों को दुकान-दुकान जाकर गेहूं खरीद के लिए मिन्नत करनी पड़ी। अधिकतर किसानों और आढ़तियों ने पूरी तरह से असहसोग किया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 08:22 AM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 08:22 AM (IST)
व्यवस्था की खामियों को नमी की चादर से ढक रहे अधिकारी
व्यवस्था की खामियों को नमी की चादर से ढक रहे अधिकारी

जागरण संवाददाता, करनाल : व्यवस्थाओं के आलम में जिले की अनाज मंडियों में गेहूं की खरीद व उठान पूरी तरह से प्रभावित है। प्रयोग के तौर पर पहली बार मंडी में उतारे अप्रशिक्षित राशन डिपोधारक भी नदारद हैं। प्रशासन की ओर से आढ़तियों को दो फाड़ करने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद एजेंसियों के नुमाइंदों को दुकान-दुकान जाकर गेहूं खरीद के लिए मिन्नत करनी पड़ी। अधिकतर किसानों और आढ़तियों ने पूरी तरह से असहसोग किया है। अपनी साख बचाने के लिए अधिकारियों ने मंडी में धूप में खड़े होकर किसी तरह थोड़ी बहुत खरीद करवाई, जबकि अव्यवस्था के कारण लाखों क्विंटल गेहूं की खरीद और उठान बुरी तरह से प्रभावित है। हालात ये हैं कि जिले की मंडियों में किसान एक सप्ताह से घर छोड़़कर गेहूं बेचने का इंतजार कर रहा है और नमी की आड़ लेकर अधिकारी अपनी खामियां छिपाने में प्रयासरत हैं।

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अधिकारियों के दावों से विपरीत मंडी के हालात

सीजन शुरू हुए नौ दिन बीत चुके हैं और किसानों को रहने, खाने-पीने की व्यवस्था नहीं मिल रही है। यही नहीं किसानों को गेहूं बेचने के लिए आढ़तियों तो कभी अधिकारियों के दरबार में हाजिरी लगानी पड़ रही है। उपायुक्त, एसडीएम और मार्केट मंडी बोर्ड के अधिकारी दावा कर रहे हैं कि गेहूं और खरीद उठान सुचारू चल रहा है जबकि धरातल पर गेहूं से जिले की मंडियां पटनी शुरू हो गई हैं। करनाल मंडी ही नहीं बल्कि असंध, निसिग, इंद्री, घरौंडा, नीलोखेड़ी के हालात भी लचर हैं। करनाल की अनाज में उपायुक्त अपनी टीम के साथ पहुंच जाते हैं जबकि कस्बों की मंडी व्यवस्था एजेंसियों के नुमाइंदों के हाथ से बाहर है।

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मांग न माने जाने तक आढ़ती करेंगे असहयोग : अशोक

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गेहूं खरीद के नए सिस्टम का विरोध कर रहे आढ़तियों के राज्य स्तरीय अधिकारी दिन भर बैठक करते रहे। स्टेट बॉडी प्रधान अशोक गुप्ता, करनाल प्रधान रजनीश चौधरी, यमुनानगर शिव कुमार, कुरुक्षेत्र बनारसी दास, पानीपत प्रधान धर्मबीर, कोषाध्यक्ष स्वर्णजीत सिंह, प्रदेश महासचिव विकास सिघल ने बैठक में अपनी मांगों का समर्थन किया और गेहूं खरीद करवाने में पूरी तरह से असहयोग किया। प्रदेश महासचिव विकास सिघल ने बताया कि प्रदेश में पूरी तरह से गेहूं खरीद प्रभावित है और मांग न माने जाने तक असहयोग किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्टेट बॉडी व आढ़ती एसोसिएशन सदस्यों ने धर्मवीर पाढा से मांगों का समर्थन करने के लिए कहा है। वहीं, आढ़ती एसोसिएशन के दूसरे गुट के प्रधान धर्मवीर पाढा ने बताया कि वह आढ़तियों की मांगों का समर्थन करते हैं लेकिन हड़ताल कर रहे गुट से अलग हैं। उन्होंने खरीद कार्यों में प्रशासन का सहयोग करने पर कहा कि अगर कोई आढ़ती खरीद में सहयोग कर रहा है तो उस पर कोई दबाव नहीं है।

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हमारा क्या कसूर, हम पर दोहरी मार क्यों..

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अनाज मंडी में गेहूं लेकर पहुंचे किसान सुमित, सुरेश नरवाल नरुखेड़ी, शेर सिंह ठरी, अंग्रेज सिंह बांसा ने बताया कि आढ़तियों और सरकार की जिद में उन पर दोहरी मार पड़ रही है। खेतों में गेहूं इस समय पेट्रोल के समान है अगर कोई नुकसान होता है तो जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। दूसरी तरफ कटाई करके मंडी में एक सप्ताह से बैठे हैं लेकिन नमी का बहाना बनाकर गेहूं की खरीद नहीं की जाती है। अंग्रेज सिंह ने बताया कि पूरा वर्ष इमरजेंसी में आढ़ती से पैसे लेकर अपनी जरूरतों को किसान पूरा करता है लेकिन अब वही आढ़ती उनसे संकोच करने लगे हैं। शेर सिंह और सुरेश नरवाल ने बताया कि मार्केट मंडी बोर्ड सहित प्रशासनिक अधिकारी अपनी साख बचाने के लिए तीन दिन से गेहूं खरीद के प्रयोग कर रहे हैं, जबकि सभी इंतजाम नकाफी हैं।

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किसान के खाते में जा रही है फसल की पेमेंट : एसीएस देवेन्द्र सिंह

फोटो 13 करनाल की अनाज मंडी में जन स्वास्थ्य एवं सिचाई विभाग के अतिरिक्त प्रधान सचिव देवेन्द्र सिंह के अनुसार आढ़तियों को इस बार दिक्कत आ रही है कि किसान की फसल की पेमेंट किसान के खाते में क्यों जा रही है। पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री ने इस योजना की शुरूआत की थी, प्रदेश के 55 फीसद किसानों ने सरकार की इस योजना में रजामंदी व्यक्त की थी। परंतु इस बार करीब 75 फीसद लोग किसानों को उनकी फसल की सीधी पेमेंट पर राजी हैं। उन्होंने किसानों से अनुरोध किया कि जो भी लेनदेन आढ़तियों के साथ है, खाते में पेमेंट आने के बाद वे आढ़तियों का हिसाब करें, आपसी भाईचारा बनाकर रखें। इसके अलावा उन्होंने मंडी में गेहूं की ढेरी की क्वालिटी जांची और किसानों से बातचीत की। एसीएस ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसान की फसल का एक-एक दाना खरीदा जाए।

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करनाल मंडी में 20 हजार टन गेहूं की आवक : डीसी

अनाज मंडी में गेहूं खरीद करवाने पहुंचे उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने कहा कि अब तक 25 फीसद गेहूं जिले की मंडियों में आ चुकी है। शुक्रवार को भी दोपहर तक 12 हजार क्विटल गेहूं खरीद हो चुकी थी जबकि करनाल मंडी में 1 से 9 अप्रैल तक करीब 20 हजार टन गेहूं की आवक हो चुकी है। मार्केट मंडी बोर्ड सचिव सुरेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार को खरीद की गई है। इस मौके पर गेहूं खरीद की नोडल एडीसी वीना हुड्डा, एसडीएम आयुष सिन्हा, डीएफएससी निशांत राठी, डीएमईओ ईश्वर राणा उपस्थित थे।

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अनाज मंडी परिसर में लगी आग से हड़कंप

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अचानक दोपहर 1.50 बजे दमकल विभाग की गाड़ी सायरन बचाते हुए अनाज मंडी परिसर के एक नंबर गेट से दाखिल होती है। वहां खड़े पुलिस कर्मी व आढ़ती आसमान में फैले धुएं को देखने लग जाते हैं। दमकल विभाग की गाड़ी अनाज मंडी परिसर के पिछले गेट के पास पड़े कचरे के ढेर के पास रुकती है और पानी की बौछार करने लगती है। कड़ी मशक्कत के बाद दमकल विभाग के कर्मचारी आग पर काबू पाते हैं।

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