रातों-रात नहीं, दिन की रोशनी में कटती हैं अवैध कालोनियां

अश्विनी शर्मा करनाल एकाएक पता लगता है कि शहर के फलां क्षेत्र में अवैध कालोनी में मकान क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 05:51 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 05:51 AM (IST)
रातों-रात नहीं, दिन की रोशनी में कटती हैं अवैध कालोनियां
रातों-रात नहीं, दिन की रोशनी में कटती हैं अवैध कालोनियां

अश्विनी शर्मा, करनाल:

एकाएक पता लगता है कि शहर के फलां क्षेत्र में अवैध कालोनी में मकान का निर्माण ढहा दिया गया। कुछ सड़क उखाड़ दी है। चेतावनी दी गई है कि अवैध कालोनी में निर्माण दोबारा किया गया तो फिर कार्रवाई होगी। खैर इनके बाद भी कालोनी में निर्माण चलता है। एक अदद सवाल सवाल यह है कि यह अवैध कालोनी क्या रातों-रात बन जाती है। क्या सड़कें बनाने का पता नहीं लगता। कालोनी का नक्शा बनाने के बाद प्लाट बेचे जाते हैं तो भी नहीं पता लगता और न ही बिजली कनेक्शन जारी होते समय कोई आपत्ति होती है। इस समय यह सवाल इसलिए उठ रहा है, क्योंकि नगर निगम की ओर से शहर की 22 अवैध कालोनी की सूची जारी की गई। लोगों से अपील की गई है कि लोग अवैध कालोनियों में प्लाट नहीं खरीदें। प्लानिंग से काटी जाती है अवैध कॉलोनी

अवैध कालोनी पूरी योजना बनाकर काटी जाती है। भू-माफिया सबसे पहले शहर के कंट्रोल्ड एरिया में किसी जमीदार से कुछ एकड़ जमीन का सौदा करते हैं। इसके बाद इस कालोनी का नक्शा तैयार किया जाता है। इसमें सड़कों की जगह निकालने के बाद यह तय किया जाता है कि कालोनी में किस-किस साइज के कितने प्लाट होंगे। फिर सड़क बनाई जाती। झांसा देकर बेचे जाते हैं प्लाट

दिखावे के नाम पर भूमाफिया ही एक या दो मकानों का निर्माण शुरू कर देता है, इससे लगता है कि इस कालोनी में निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। इसके बाद प्लाट बेचने का काम शुरू होता है। प्लाट बेचने के बाद बिजली कनेक्शन भी लोग यहां लेते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में गौर करें तो जिला नगर योजनाकार, बिजली निगम, नगर निगम व तहसील की भूमिका सामने आती है। ऐसे में ये विभाग अवैध कालोनियों के मामलों में महत्ति भूमिका में आ जाते हैं। इस तरह वे 22 अवैध कालोनियां हैं, जिनकी सूची निगम की ओर से जारी की गई। कई कालोनियों का नाम सूची में शामिल नहीं है। इन कालोनियों में मकान बन चुके हैं। कई निर्माणाधीन हैं। बिजली, पानी की सुविधा भी है। विभागों से साठ-गांठ से चलता है धंधा

अवैध कालोनियों को विकसित करने वाले जमीन के सौदागरों की साठगांठ अधिकारियों से रहती है। कालोनी से संबंध रखने वाले महकमे बाद में कालोनियों को लेकर दायित्व निभाने की भूमिका में आते हैं। दिखावे के नाम पर कुछ निर्माण कार्य ढहाकर चेतावनी जारी कर दी जाती है। वर्जन

जिला नगर योजनाकर विक्रम कुमार से जब पूछा गया कि जब अवैध कालोनियां बनने की शुरुआत होती है, उसी समय इस पर रोक क्यों नहीं लगा दी जाती तो उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया विस्तार से जाननी होगी।

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