जेठ महीने की संक्रान्ति मनाई, निशान साहिब पर चढ़ाया चोला

गांव ठरवा माजरा में शुक्रवार को गुरुद्वारा साहिब के प्रांगण में पवित्र निशान साहिब को चोला चढ़ाया गया। चोला चढाये जाने के बाद गुरुद्वारे में अरदास की गई। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व गांव की संगत के सामूहिक निर्णय से इस पवित्र कार्य को किया गया। गुरुद्वारे के ग्रन्थी बाबा जसविद्र सिंह ने बताया कि एक साल पहले बलविद्र सिंह विर्क ने गुरुद्वारा साहिब में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से निर्मित 90 फुट का निशान साहिब पंजाब के कारीगरों से बनवा कर सेवा स्वरूप स्थापित करवाया था।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:32 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:32 AM (IST)
जेठ महीने की संक्रान्ति मनाई, निशान साहिब पर चढ़ाया चोला
जेठ महीने की संक्रान्ति मनाई, निशान साहिब पर चढ़ाया चोला

संवाद सूत्र, जलमाना : गांव ठरवा माजरा में शुक्रवार को गुरुद्वारा साहिब के प्रांगण में पवित्र निशान साहिब को चोला चढ़ाया गया। चोला चढाये जाने के बाद गुरुद्वारे में अरदास की गई। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी व गांव की संगत के सामूहिक निर्णय से इस पवित्र कार्य को किया गया। गुरुद्वारे के ग्रन्थी बाबा जसविद्र सिंह ने बताया कि एक साल पहले बलविद्र सिंह विर्क ने गुरुद्वारा साहिब में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से निर्मित 90 फुट का निशान साहिब पंजाब के कारीगरों से बनवा कर सेवा स्वरूप स्थापित करवाया था। इस पर छह महीने बाद चोला साहिब चढ़ाया जाता है जिसकी सेवा हर बार संगत में से किसी ने किसी के भाग्य में होती है।

सर्वप्रथम निशान साहिब को इलेक्ट्रॉनिक प्रेशर लगे यंत्र से नीचे उतारा गया। फिर दूध से स्नान करवाया गया। सिख पंथ की विधि अनुसार केसरी झंडे से जुड़ा चोला साहिब चढ़ाया गया। इस अवसर पर बलविद्र सिंह, भूपिदर सिंह, गुलाब सिंह, सरबजीत सिंह, सिमरनजीत सिंह, अमृतपाल सिंह, गुरदयाल सिंह आदि मौजूद थे। संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी : कांग्रेसी नेता व हरियाणा लोक सेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रो. राजेश वैध ने कहा कि देश मूलभूत स्वास्थ्य सेवाओं को तरस रहा है और केंद्र सरकार द्वारा नया संसद भवन व प्रधानमंत्री आवास बनाने का निर्णय अनुचित है। आज देश के लोग बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी के कारण पीड़ित हैं। लोगों को अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो रहा है तो ऐसे में इस तरह के असाधारण खर्च करने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर सरकारी खजाने से 20,000 करोड़ लेकर खर्च करने की बजाए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध जरूरी हैं।

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