ई-गिरदावरी वेरिफिकेशन का कार्य 12 मार्च तक करें पूरा : निशांत यादव

करनाल के डीसी निशांत कुमार यादव ने ई-गिरदावरी की वेरिफिकेशन के कार्य को लेकर कृषि विभाग के सुपरवाइजर ग्राम सचिव राजस्व व नहरी पटवारियों को निर्देश दिए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 07:29 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:29 AM (IST)
ई-गिरदावरी वेरिफिकेशन का कार्य 12 मार्च तक करें पूरा : निशांत यादव
ई-गिरदावरी वेरिफिकेशन का कार्य 12 मार्च तक करें पूरा : निशांत यादव

जागरण संवाददाता, करनाल : डीसी निशांत कुमार यादव ने ई-गिरदावरी की वेरिफिकेशन के कार्य को लेकर कृषि विभाग के सुपरवाइजर, ग्राम सचिव, राजस्व व नहरी पटवारियों को निर्देश दिए कि वे इस कार्य को मिशन मोड में लें और 12 मार्च तक इस कार्य को पूरा करें। ई-गिरदावरी के डाटा को अपलोड करने के लिए प्रशासन की ओर से कप्यूटर आपरेटर तकनीकी सहयोग के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। जो कर्मचारी इस कार्य में लापरवाही बरतेगा, उसके खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बढि़या और निर्धारित समयावधि में कार्य करने वाले कर्मचारियों को प्रशंसा-पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

डीसी शनिवार को डा. मंगलसेन सभागार में ई-गिरदावरी से जुड़े सुपरवाइजर, ग्राम सचिव, राजस्व व नहरी पटवारी तथा कंप्यूटर आपरेटरों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने निर्णय लिया है कि गिरदावरी का कार्य राजस्व पटवारियों द्वारा किया जाता है, अब ई-गिरदावरी की वेरिफिकेशन की जिम्मेदारी कृषि व पंचायत विभाग को सौंपी गई है। प्रशासन की ओर से जिले के सभी 434 गांवों में ई-गिरदावरी वेरिफिकेशन के लिए एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत एक कर्मचारी को दो गांव दिए गए हैं जो प्रत्येक दिन में 150 से 200 एकड़ जमीन की वेरिफिकेशन करना सुनिश्चित करेगा और एक कंप्यूटर आपरेटर पर चार गांवों का डाटा अपलोड करने की जिम्मेदारी रहेगी। इसके लिए संबंधित सुपरवाइजर, ग्राम सचिव व नहरी पटवारी को राजस्व पटवारी की ओर से सिजरा तथा गांव की लिस्ट उपलब्ध करवाई जाएगी। यदि कोई पटवारी सहयोग नहीं करता तो उसकी सूचना प्रशासन को दें।

उन्होंने बताया कि ई-गिरदावरी को मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल से जोड़ा गया है। इसलिए कहीं पर भी कोई गलती न करें, थोड़ी सी लापरवाही किसान के लिए परेशानी का कारण बन जाएगी। सरकार द्वारा पोर्टल पर रजिस्टर्ड फसलों को ही खरीदा जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ई-गिरदावरी के कार्य की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें क्योंकि इसका मिलान राजस्व पटवारी तथा सेटेलाइट के माध्यम से की गई गिरदावरी से होगा। इसके अलावा प्रशासन के उच्च अधिकारी भी फील्ड में ई-गिरदावरी का मिलान करेंगे। बजट सत्र के बाद मुख्यमंत्री स्वयं ई-गिरदावरी के कार्य की समीक्षा करेंगे। ई-गिरदावरी के लिए आयोजित शिविर में एडीआइओ परविन्द्र सिंह व उनकी टीम ने सुपरवाइजर, ग्राम सचिव, राजस्व व नहरी पटवारी को पोर्टल पर ई-गिरदावरी करने का प्रशिक्षण दिया।

कृषि विभाग के रिसर्च अधिकारी राम निवास ने बताया कि जिले में करीब पांच लाख एकड़ कृषि योग्य भूमि है। इस अवसर पर घरौंडा की एसडीएम डा. पूजा भारती, इंद्री के एसडीएम सुमित सिहाग, कृषि विभाग के उप निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास, डीडीपीओ राजबीर खुंडिया व डीआरओ सुरेश कुमार उपस्थित रहे।

chat bot
आपका साथी