स्ट्रीट वेंडरों को ऋण मुहैया कराने के लिए नगरपालिका ने लगाया शिविर

नपा अधिकारियों ने लोन आवेदनों की समीक्षा की और जल्द से जल्द वेंडरों को लोन मुहैया करवाने के निर्देश जारी किए। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि स्वनिधि योजना को लेकर शासन व प्रशासन सख्त है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 07:40 AM (IST) Updated:Sun, 07 Mar 2021 07:40 AM (IST)
स्ट्रीट वेंडरों को ऋण मुहैया कराने के लिए नगरपालिका ने लगाया शिविर
स्ट्रीट वेंडरों को ऋण मुहैया कराने के लिए नगरपालिका ने लगाया शिविर

संवाद सहयोगी, घरौंडा: प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को लेकर बैंकों की ओर से बरती जा रही कोताही पर नगरपालिका सख्त नजर आ रही है। नगरपालिका कार्यालय में लोन कैंप के दौरान न सिर्फ स्ट्रीट वेंडरों ने बैंक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए, बल्कि नपा अधिकारियों ने भी लोन को लेकर बैंकों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की नसीहत दे दी। नपा अधिकारियों ने लोन आवेदनों की समीक्षा की और जल्द से जल्द वेंडरों को लोन मुहैया करवाने के निर्देश जारी किए। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि स्वनिधि योजना को लेकर शासन व प्रशासन सख्त है। इसलिए किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें।

शनिवार को नगरपालिका कार्यालय में पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों के लिए कैंप लगाया गया। अध्यक्षता लेखाकार राजकुमार ने की। कैंप में शहर के 13 बैंक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया। 17 स्ट्रीट वेंडर अपनी समस्या लेकर पहुंचे। इनमें कुछ का समाधान मौके पर ही कर दिया गया तथा लोन मुहैया करवाने के लिए बैंक प्रबंधकों से बातचीत की गई। वहीं तीन बैंक प्रतिनिधि कैंप में नहीं पहुंचे। जो बैंक प्रबंधक पहुंचे, उनमें कुछ के पास पूरा डाटा नहीं था। आधी-अधूरी जानकारी के साथ पहुंचे प्रबंधकों को पूरे डाटा के साथ रिपोर्ट करने के निर्देश दिए गए।

बैंकों के चक्कर काटते हैं, नहीं मिलता लोन

कैंप में पहुंचे स्ट्रीट वेंडर संदीप कुमार, सुरेश कुमार, ऋषिपाल व अन्य ने बैंक की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। आरोप लगाया कि करीब दो माह पहले लोन के लिए कागजी कार्रवाई की गई थी। तीनों के बैंक खाते सैंट्रल बैंक में हैं, लेकिन जब जाते हैं तो मैनेजर नहीं मिलते। दो महीनों के दौरान करीब छह बार चक्कर काट चुके है और हर बार उनका 400 से 500 रुपए का नुकसान होता है। लोन के लिए सरकार जोर दे रही है लेकिन लोन मिल ही नहीं पाता। अधिकारी भी सही तरीके से बात नहीं करते।

कैंप का नेतृत्व कर रहे लेखाकार राजकुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान नगरपालिका ने 420 स्ट्रीट वेंडरों को चिन्हित किया था, जिनमें 376 की पहचान की गई थी। 172 के लोन पास हुए और 148 को लोन मुहैया हो चुके हैं। 23 आवेदक किन्ही कारणों से रिजेक्ट हो गए थे। उन्होंने बताया कि कुछ बैंकों ने बहुत अच्छा काम किया है लेकिन कुछ का काम ढीला है। कार्य में तेजी लाने के लिए कहा गया है। जो बैंक प्रबंधक नहीं पहुंचे, उनसे बातचीत की जाएगी। दोबारा फिर कैंप लगाया जाएगा और लोन को लेकर जानकारी ली जाएगी।

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