ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवाना पड़ेगा भारी, डीएमसी को सौंपी कमान

ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवाने वाली कमर्शियल यूनिट्स के खिलाफ नगर निग

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 06:12 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:12 AM (IST)
ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवाना पड़ेगा भारी, डीएमसी को सौंपी कमान
ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवाना पड़ेगा भारी, डीएमसी को सौंपी कमान

जागरण संवाददाता, करनाल

ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवाने वाली कमर्शियल यूनिट्स के खिलाफ नगर निगम सख्ती के मूड में आ गया है। निगम की ओर से अब लाइसेंस बनवाने की रफ्तार बढ़ाने और सख्ताई दिखाने की कमना उप नगर निगम आयुक्त धीरज कुमार को सौंपी जा रही है। यह लाइसेंस बनवाने की धीमी रफ्तार हैरान करने वाली है। करीब 25 हजार कमर्शियल यूनिट शहर में संचालित है, लेकिन अभी तक करीब 250 लाइसेंस ही निगम की ओर से जारी हो सके हैं। बार-बार अपील करने के बाद भी अब होटल, रेस्टोरेंट व दुकानों जैसी ऐसी यूनिट, जिन्होंने अब तक ट्रेड लाइसेंस नहीं बनवाए हैं, अब निगम ने हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट 1994 के तहत कार्रवाई करने की तैयारी भी कर रहा है। इस एक्ट के तहत यह लाइसेंस बनवाना अनिवार्य है।

हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट 1994 के नियम अनुसार ऐसी यूनिट्स को हर साल ट्रेड लाइसेंस बनवाना होता है, लेकिन हजारों यूनिट्स बिना ट्रेड लाइसेंस के ही अपना व्यापार कर रही है। जबकि ट्रेड लाइसेंस अप्लाई करके उसे बनवा लेना कोई मुश्किल काम नहीं है। नगर निगम एक निकाय होने के नाते विभिन्न स्त्रोतों से होने वाली आय से निगम के खर्चे और विकास कार्यों के लिए धन राशि एकत्र करता है। ऐसे में जो लोग सरकार की ओर देय राशि को निगम के खजाने में फीस या टैक्स के रूप में समय पर जमा नहीं करवाते, उनके खिलाफ सख्ती करना लाजमी हो जाता है। ट्रेड लाइसेंस के लिए यह चाहिए दस्तावेज

ट्रेड लाइसेंस के लिए पेन कार्ड, आधार नंबर, लाइसेंस रिसिप्ट, प्रापर्टी टैक्स की रसीद, उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन की प्रति तथा मोबाईल नंबर व ई-मेल आईडी के साथ एक फाइल तैयार होती है, जिसे निगम के रेंट सहायक के पास प्रस्तुत करना पड़ता है। रेंट अस्सिटेंट फाइल में लगे सभी दस्तावेजों को वेरीफाई करने के बाद फिर सरकार की ओर से निर्धारित फीस वसूल करते हैं। फाइल अप्रूवल के लिए नगर निगम के इओ के पास जाती है और इस प्रक्रिया के पूरे हो जाने के बाद एक सप्ताह या अधिकतम 10 दिनो में ट्रेड लाइसेंस जारी कर दिया जाता है। लाइसेंस प्राप्त करने के बाद यूनिट्स चलाने वाले व्यक्तियों को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं आती। जैसे ही एक साल पूरा हो जाता है, दोबारा ट्रेड लाइसेंस इसी तरीके से नगर निगम कार्यालय से बनवाना होता है।

ट्रेड लाइसेंस को लेकर निगम गंभीर-निगम आयुक्त

निगमायुक्त डा. मनोज कुमार ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस को लेकर नगर निगम गंभीर है। यह भी सही है कि उम्मीद अनुसार अभी यह लाइसेंस नहीं बने है। अब इस कार्य को रफ्तार देने और सख्ती के लिए जिम्मेदारी उप नगर निगम आयुक्त को सौंपी जाएगी। सोमवार को एक बार फिर से इस कार्य की समीक्षा करेंगे। दुकानदारों व कमर्शियल यूनिट मालिकों से एक बार फिर अपील है कि वे निगम कार्यालय में दस्तावेजों के साथ अपनी फाइल बनवाएं और ट्रेड लाइसेंस बनवाकर चिता मुक्त हो जाएं, अन्यथा निगम ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।

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