न्यूनतम तापमान गिरकर 2.3 डिग्री तक पहुंचा, खेतों में जमा पाला

जागरण संवाददाता करनाल क्षेत्र में चौथे दिन भी शीत लहर का प्रकोप जारी रहा। इसके चलते रा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 20 Dec 2020 07:53 AM (IST) Updated:Sun, 20 Dec 2020 07:53 AM (IST)
न्यूनतम तापमान गिरकर 2.3 डिग्री तक पहुंचा, खेतों में जमा पाला
न्यूनतम तापमान गिरकर 2.3 डिग्री तक पहुंचा, खेतों में जमा पाला

जागरण संवाददाता, करनाल : क्षेत्र में चौथे दिन भी शीत लहर का प्रकोप जारी रहा। इसके चलते रात का तापमान भी निरंतर गिर रहा है। शनिवार को न्यूनतम तापमान गिरावट के साथ 2.3 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। यानि लगातार तीन रात से करनाल में ठंड चरम सीमा पर है। मौसम विभाग रविवार को भी मौसम के हालात कमोबेश ऐसे ही बने रहने की संभावना जता रहा है। शीतलहर तथा रात में आसमान साफ होने की वजह से शनिवार सुबह पाला जम गया। शहर के आसपास के कई खेतों में तो फसलों पर पाले की सफेद चादर-सी नजर आई। नबीपुर के कमल कांबोज ने बताया कि क्षेत्र में काफी पाला जमा है। खासकर बिना सिचाई किए खेतों में फसलों पर अच्छा खासा पाला नजर आया। इससे फसलों में नुकसान की आशंका भी बन गई है। हालांकि राहत की बात यह रही कि धुंध नहीं होने के कारण सूर्यदेव सुबह ही उदय हो गए और दिनभर ताप दिया। हालांकि शीत लहर कपकंपी छुड़ा रही थी। हाड़ कंपा देने वाली ठंड की शुरुआत बुधवार से हुई थी। शनिवार को लुढ़का पारा

शुक्रवार रात का न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री पर आ गया। जबकि वीरवार रात का न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री रिकार्ड किया गया था। बुधवार को यह 5.9 डिग्री पर आ गया। ठंड ने लोगों को बेहाल कर दिया। तापमान में गिरावट के ठंड इतनी बढ़ गई कि कंपकंपी छुड़ा दी। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में मौसम साफ रहेगा, न्यूनतम तापमान में और गिरावट आ सकती है। ठंड ओर बढ़ेगी। 21 दिसंबर से तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है। धुंध भी छा सकती है। सीजन में पहली बार 20 दिसंबर से पहले इतने नीचे तापमान

मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो यह पहला मौका है जब 20 दिसंबर से पहले न्यूनतम तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गया हो। पिछले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो अक्सर न्यूनतम तापमान 20 दिसंबर के बाद इतना नीचे गया है। गेहूं की फसल के लिए वरदान है ठंड

कृषि एवं कल्याण विभाग के पूर्व तकनीकी अधिकारी डा. एसपी तोमर ने कहा कि इस समय जो ठंड पड़ रही है वह गेहूं की फसल के लिए वरदान साबित होगी। दिन के समय धूप निकल जाती है और रात के समय तापमान नीचे चला जाता है, दोनों ही स्थितियां गेहूं की फसल की ग्रोथ के अनुकूल बनी हुई हैं। जिले में इस वर्ष 1.72 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुआई की गई है। मौसम विभाग का भी मानना है कि इस बार ठंड लंबी चलेगी, जिसका फायदा गेहूं, सरसों व चने की फसल को होगा। उत्पादन में अच्छी वृद्धि की अनुमान जताया जा रहा है। पिछले 10 सालों में दिसंबर माह में कब कितना नीचे गया न्यूनतम तापमान

बीते 10 साल में 20 दिसंबर के बाद न्यूनतम तापमान की स्थिति वर्ष न्यूनतम तापमान

22 दिसंबर 2010 3.4

25 दिसंबर 2011 1.2

24 दिसंबर 2012 3.9

30 दिसंबर 2013 0.2

29 दिसंबर 2014 2.6

21 दिसंबर 2015 3.4

22 दिसंबर 2016 3.6

24 दिसंबर 2017 4.6

30 दिसंबर 2018 2.0

28 दिसंबर 2019 1.5

19 दिसंबर 2020 2.3

नोट : ये आंकड़े मौसम विभाग की ओर से जारी किए गए हैं और डिग्री सेल्सियस में हैं।

chat bot
आपका साथी