डंपिग यार्ड में तब्दील हुई कुटेल गांव की व्यायामशाला

गांव कुटेल में लाखों की लागत से बनी व्यायामशाला डंपिग यार्ड में परिव

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 07:05 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 07:05 AM (IST)
डंपिग यार्ड में तब्दील हुई कुटेल गांव की व्यायामशाला
डंपिग यार्ड में तब्दील हुई कुटेल गांव की व्यायामशाला

संवाद सहयोगी, घरौंडा : गांव कुटेल में लाखों की लागत से बनी व्यायामशाला डंपिग यार्ड में परिवर्तित हो गई है। गांव से एकत्रित हुआ कूड़ा-कचरा व्यायामशाला के मैदान में डाला जा रहा है। जिससे यहां पर कूड़े के सैकड़ों ढेर लग चुके हैं। विभागीय अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी है कि व्यायामशाला में कबाड़ डाला गया है। अधिकारियों का तर्क है कि ये कबाड़ मिट्टी है और इससे मैदान का लेवल ऊंचा किया जा रहा है। ऐसे में युवाओं के बीच योग और खेल प्रसार के उद्देश्य से बनाई गई व्यायामशाला बदहाल हो रही है।

हरियाणा में पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और पूर्व पंचायतों के पास अब कोई भी काम करवाने का अधिकार नहीं है। बावजूद इसके घरौंडा बीडीपीओ कार्यालय के जेई रिकू के मुताबिक, कुटेल गांव में पंचायत व्यायाशाला में अर्थ फिलिग का काम कर रही है। दरअसल, गांव के सरकारी स्कूल के पास लाखों की लागत से बनाई गई व्यायामशाला का मैदान काफी नीचे है। मैदान के लेवल को उंचा उठाने के लिए गांव से निकला कूड़ा कचरा व्यायामशाला में डाला जा रहा है। कूड़ा डाले जाने से व्यायामशाला एक तरह से खेल मैदान न होकर डम्पिग ग्राउंड बन गई है और चारों तरफ कचरे के ढेर लगे हुए है। जेई रिकू का तर्क है कि व्यायामशाला में डाला जा रहा कबाड़ जोहड़ से निकाली गई गाद है जो सूखने के बाद मिट्टी बन जाएगी। व्यायामशाला के सामने मधुशाला

कुटेल गांव में मुबारकाबाद चौक के पास व्यायामशाला का निर्माण पंचायतीराज विभाग ने किया था। गांव के युवाओं को खेलों और योग के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से बनाई गई व्यायामशाला अपने उद्देश्य से भटक चुकी है। इस व्यायाशाला के मैदान का लेवल नीचा होने की वजह से निर्माण पूरा होने के बावजूद खिलाड़ी इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे। विभाग अब कचरा डम्पिग के जरिये मैदान का लेवल ठीक करने की जुगत में लगा है। वही बदहाली का आलम यह है कि इस व्यायामशाला के ठीक सामने मधुशाला यानि शराब का ठेका खुला हुआ है। खेल मैदान के सामने लगे बिजली के खम्भों पर भी शराब ठेके के विज्ञापन छाप दिए गये है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि उपेक्षित पड़ी इस व्यायाशाला से युवा प्रेरित होंगे या सामने खुली मधुशाला से। घरौंडा बीडीपीओ अंग्रेज सिंह ने बताया कि पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। पंचायतों को काम करवाने की पावर नहीं रही। व्यायामशाला के अंदर कचरा डाला जा रहा है इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

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