बिजाई के 21 दिन बाद ¨सचाई करें : महेंद्र संधू

संवाद सहयोगी, नि¨सग : क्षेत्र में गेहूं बिजाई का कार्य लक्ष्य के नजदीक है। 20 अक्टूबर के आसपास

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 06:11 PM (IST) Updated:Tue, 20 Nov 2018 01:36 AM (IST)
बिजाई के 21 दिन बाद ¨सचाई करें : महेंद्र संधू
बिजाई के 21 दिन बाद ¨सचाई करें : महेंद्र संधू

संवाद सहयोगी, नि¨सग : क्षेत्र में गेहूं बिजाई का कार्य लक्ष्य के नजदीक है। 20 अक्टूबर के आसपास अगेती गेहूं की बिजाई करने वाले किसान ¨सचाई में जुटे हैं। ¨सचाई के साथ पौधों में फुटाव के लिए किसान पहली यूरिया खाद भी डाल रहे हैं, जिससे भरपूर फुटाव से फसल की बंपर पैदावार ली जा सके, लेकिन जिन किसानों ने नवंबर के पहले सप्ताह में गेहूं की बिजाई की थी। उन फसलों में ¨सचाई का उचित समय है। बीएओ डॉ. महेंद्र ¨सह संधू ने बताया कि किसान बिजाई के 21 दिन बाद फसल की पहली ¨सचाई करें। देरी से ¨सचाई करने पर पौधों की जड़ों में दीमक और सुंडी लगने से नुकसान होता है। ¨सचाई के बिना फसल में उर्वरक नहीं डाले जा सकते, जिस कारण गेहूं में कम फुटाव होने से पैदावार प्रभावित होती है। उन्होंने किसानों को बिजाई से 21 दिन बाद फसल की ¨सचाई और बिजाई से 35 दिन बाद खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव करने की सलाह दी है। बाक्स

¨सचाई के बाद डाले गेहूं में उर्वरक

एडीओ डॉ. राधेश्याम गुप्ता ने बताया कि कुछ किसान गेहूं की ¨सचाई से पूर्व ही उसमें यूरिया डाल देते हैं। जो लीच डाउन होकर पानी के साथ जमीन में समा जाता है। इसका किसान को पूरा फायदा नही मिल पाता। उन्होंने किसानों को ¨सचाई के दो चार दिन बाद फसल में उर्वरक डालने की सलाह दी है। उन्होंने बताया किे 21 दिन बाद गेहूं की ¨सचाई करें। इन जडों को पौधों की प्राथमिक जड़े भी कहा जाता है। इनमें भरपूर फुटाव होने से पैदावार में बढ़ोतरी होती है। पानी नही मिलने पर जड़े सूखने से पौधा कमजोर हो जाता है। फिर उसमें पानी देने से कमजोर पौधा अधिक उर्वरक डालने के बाद भी पूरा फुटाव नही करता। कई बार फसल में अधिक पानी देने से भी पौधे कमजोर पड़ जाते है। उन्होंने किसानों को पहली ¨सचाई हल्के(कम) पानी से करने की नसीहत दी है।

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