परिवार नियोजन के प्रति बढ़ी जागरूकता

दंपतियों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ी है। छोटा परिवार-सुखी परिवार की अवधारणा के साथ दपंति बच्चों में अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन का विकल्प चुन रहे है। जागरूकता अभियानों का असर है कि बीते वर्ष जहां 272 लोगों ने परिवार नियोजन अपनाया वहीं इस वर्ष मात्र अक्टूबर माह तक 346 परिवार परिवार नियोजन से जुड़े। जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए शुरू किए गए परिवार नियोजन कार्यक्रम से जन्म दर के आंकड़े में भी कमी आई है। अधिकारियों के मुताबिक जहां पांच वर्ष पहले जन्म दर का आंकड़ा 23 प्रति हजार था वहीं अब करीब साढ़े 18 प्रति हजार पहुंच चुका है। अधिकारी आंकड़े को 18 प्रति हजार से नीचे लाने के लिए प्रयासरत है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 07:16 PM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 07:16 PM (IST)
परिवार नियोजन के प्रति बढ़ी जागरूकता
परिवार नियोजन के प्रति बढ़ी जागरूकता

संवाद सहयोगी, घरौंडा : दंपतियों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता बढ़ी है। छोटा परिवार-सुखी परिवार की अवधारणा के साथ दपंति बच्चों में अंतर रखने के लिए परिवार नियोजन का विकल्प चुन रहे है। जागरूकता अभियानों का असर है कि बीते वर्ष जहां 272 लोगों ने परिवार नियोजन अपनाया वहीं इस वर्ष मात्र अक्टूबर माह तक 346 परिवार परिवार नियोजन से जुड़े। जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्यों को हासिल करने के लिए शुरू किए गए परिवार नियोजन कार्यक्रम से जन्म दर के आंकड़े में भी कमी आई है। अधिकारियों के मुताबिक, जहां पांच वर्ष पहले जन्म दर का आंकड़ा 23 प्रति हजार था, वहीं अब करीब साढ़े 18 प्रति हजार पहुंच चुका है। अधिकारी आंकड़े को 18 प्रति हजार से नीचे लाने के लिए प्रयासरत है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से महिला एवं पुरुष नसबंदी सेवा सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क दी जा रही है। साथ ही प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। जागरूकता अभियानों के कारण जागरूकता बढ़ी है। अप्रैल से अक्टूबर माह तक 346 ने नसबंदी करवाई है। आठ नवंबर से नसबंदी कैंप में अब तक 24 लोगों ने नसबंदी करवाई है। एसएमओ डा. मुनेश गोयल के मुताबिक, महिला व पुरुष नसबंदी परिवार नियोजन का एक स्थाई साधन है। लेकिन व्यक्ति अस्थाई साधनों से भी परिवार नियोजन अपना सकता है। अस्थाई साधनों में कापर-टी, खाने वाली गोली (माला-एन व छाया) तथा निरोध शामिल है। अप्रैल से अक्टूबर के दौरान 826 महिलाओं ने कापर टी लगवाई। 66 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाया है, यह तीन माह में एक बार लगाया जाता है। 1001 महिलाएं गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल करती हैं।

नसबंदी में पुरुष पीछे, महिलाओं को रखते आगे

स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक महिला या पुरुष में से कोई भी नसबंदी करवा सकता है। लेकिन अब तक पुरुषों ने महिलाओं को आगे किया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रत्येक वीरवार को होने वाले नसबंदी आपरेशन में 90 प्रतिशत संख्या महिलाओं की होती है, जबकि पुरुषों की संख्या महज 10 प्रतिशत रहती है। पुरुषों की नसबंदी बिना चीरा-टांका होती है, जबकि महिलाओं की नसबंदी के लिए कट लगाया जाता है। नसबंदी के मामले में पुरुष पीछे ना रहें, अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।

नसबंदी पर 2200 रुपये की प्रोत्साहन राशि

स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग ने परिवार नियोजन कार्यक्रम चलाया है। जो भी महिला या पुरुष नसबंदी करवाता है उसको विभाग की ओर से प्रोत्साहन राशि उनके बैंक अकाउंट में भेजी जाती है। पुरुष नसबंदी पर दो हजार रुपए और महिला को 1400 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव के एक सप्ताह के अंदर कोई महिला नसबंदी करवाती है तो 2200 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

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