संरक्षण के दावों पर सवाल, वर्षों पुराने पीपल के पेड़ पर चलाई आरी

प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद जिला के अधिकारी वर्षों पुराने पेड़ों को सहेजने में लापरवाही दर्शा रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 19 Nov 2021 12:04 AM (IST) Updated:Fri, 19 Nov 2021 12:04 AM (IST)
संरक्षण के दावों पर सवाल, वर्षों पुराने पीपल के पेड़ पर चलाई आरी
संरक्षण के दावों पर सवाल, वर्षों पुराने पीपल के पेड़ पर चलाई आरी

जागरण संवाददाता, करनाल : प्रदेश सरकार के आदेश के बावजूद जिला के अधिकारी वर्षों पुराने पेड़ों को सहेजने में लापरवाही दर्शा रहे हैं। इसी के नतीजे में बलड़ी बाइपास के पास करोड़ों रुपये के खेल में रोड़ा बन रहे पीपल के पेड़ पर आरी चलवा दी है। अगर जिला प्रशासन की पहरेदारी मजबूत होती तो प्रदेश सरकार की ओर से वर्षों पुराने पेड़ों को बचाने की मुहिम यहां कमजोर न पड़ती। यहां वर्षों पुराना पीपल का पेड़ सुरक्षित नहीं है। शिकायत मिलने या न मिलने की इंतजार में खुद को सुरक्षित करने वाले अधिकारी अब कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति के लिए कागजों में जुटे हैं। वहीं घटनाक्रम से अंजान वन विभाग ने संबंधित मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस विभाग को लिखने की बात की है।

वन विभाग ने पल्ला झाड़ा

वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार इंद्री गेट के पास खेतों में एक लगभग 100 वर्ष पुराना पीपल का पेड़ काटने की सूचना मिलते ही तुरंत प्रभाव से मौके पर कटाई रुकवा दी गई थी। पीपल राज्य वृक्ष है जिसकी कटाई के लिए वन विभाग से अनुमति अनिवार्य है। परन्तु उक्त वृक्ष विभाग के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। जिला वन अधिकारी नरेश कुमार रंगा ने बताया कि उपायुक्त से प्राप्त शिकायत के आधार पर मौका मुआयना करवाया गया। संबंधित मामले में कार्रवाई के लिए पुलिस को लिखा जाएगा। प्रदेश सरकार के प्रयासों पर गंभीर नहीं अधिकारी

कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश सरकार की ओर से पर्यावरण सुरक्षा में कदम बढ़ाते हुए पेड़ों की सुरक्षा के लिए पेंशन योजना शुरू की है, जिसमें वर्षों पुराने पेड़ों को चयनित करने के लिए वन विभाग ने काम किया। स्कीम के तहत 75 साल या उससे अधिक उम्र वाले पेड़ों को पेंशन दी जानी है। इस योजना के तहत नए पेड़ों के साथ-साथ पुराने पेड़ों की भी देखभाल करना है। पर्यावरण प्रेमी एसडी अरोड़ा ने बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से प्राणवायु देवता पेंशन योजना का उद्देश्य राज्य में प्राकृतिक आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है। प्राण वायु देवता पेंशन योजना कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच सांस लेने के लिए स्वच्छ हवा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम था, लेकिन अधिकारी जिम्मेदारियों को केवल कागज भरने तक सीमित रखे हैं।

दो पीपल के पेड़ों को पहुंचाई क्षति : जोगिदर

इधर शिकायतकर्ता प्रो. जोगिदर मदान ने बताया कि कालोनाइजरों ने करोड़ों रुपये के लालच में दो पीपल के पेड़ों को क्षति पहुंचाई है। प्रदेश सरकार के आदेशों को नजरअंदाज कर पीपल के वर्षों पुराने पेड़ को काटा गया है। कटाई करने वाले लोग पेड़ गायब करने के मूड में हैं जबकि वर्षों पुराने पेड़ के स्थान पास पीपल देव का मंदिर बनाने के लिए मुहिम शुरू की गई है।

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