देश में दाल की उपज हुई पर्याप्त, आयात पर लगेगी रोक आैर होगा निर्यात

देश में दाल की उपज अब पर्याप्‍त हो रही है अौर ऐसे में इसका आयात बंद किया जाएगा। इसके साथ ही दाल की उपज बढ़ाकर इनका निर्यात किए जाने का लक्ष्‍य है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Tue, 16 Oct 2018 03:22 PM (IST) Updated:Tue, 16 Oct 2018 04:16 PM (IST)
देश में दाल की उपज हुई पर्याप्त, आयात पर लगेगी रोक आैर होगा निर्यात
देश में दाल की उपज हुई पर्याप्त, आयात पर लगेगी रोक आैर होगा निर्यात

करनाल, [प्रदीप शर्मा]!  देश में दाल का उत्पादन बढ़ा है। पिछले वर्ष 22 मिलयन टन से बढ़कर अब 25 मिलियन टन हो गया है, जो देश की जरूरतों के लिए पर्याप्त है। इसलिए सालाना आयात होने वाली पांच से सात मिलियन टन दाल पर रोक लगेगी। किसानों को दलहन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने की योजना है। इससे  इनका निर्यात किया जा सकेगा।

कृषि लागत और मूल्य आयोग के अध्यक्ष ने कहा-  धान-गेहूं के फसल चक्र से बाहर निकलें किसान

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के अध्यक्ष प्रो. विजय पॉल शर्मा ने कहा कि देश में दाल की जरूरत पूरी करने के बाद इसके निर्यात किए जाने का लक्ष्‍य है। वह भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान में आयोजित कृषक-वैज्ञानिक कार्यशाला और बीज दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेेने आए थे।

उन्होंने कहा कि फिलहाल सरकार ने अभी तक दाल पर आयात ड्यूटी बढ़ा दी है। जाहिर है कि इससे घरेलू मूल्य में इजाफा होगा, लेकिन दलहन की खेती की ओर से विमुख किसानों को फिर इस दिशा में लाने की तैयारी है। इससे दाल सरप्लस होगी, आयात करने के बजाय निर्यात कर सकेंगे। किसानों की आमदनी दोगुनी हो सकेगी।

प्रो. विजय पाल शर्मा ने कहा कि खाद्य तेल भी आयात करना पड़ता है। इसलिए किसानों को तिलहन की खेती की तरफ भी आने की जरूरत है। धीरे-धीरे हम दलहन की खेती में आत्मनिर्भर बन रहे हैं। देश में कुल 25.50 लाख हेक्टेयर में दाल की खेती की जाती है। देश में मुख्‍य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और महाराष्ट्र में दाल उत्पादन ज्यादा होता है। अन्य राज्यों में भी दाल उत्पादन के लिए तैयारियां हो रही हैं।

कहा, हरियाणा-पंजाब की कृषि में बदलाव की जरूरत

प्रो. शर्मा ने कहा कि हरियाणा और पंजाब में धान और गेहूं का ही फसल चक्र है, लेकिन इन दोनों फसलों से किसानों का भला होने वाला नहीं है। यहां की कृषि प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। दलहन के साथ-साथ तिलहन की खेती की तरफ भी ध्यान देना होगा।

एफपीओ बनाकर फसल चक्र समझाएंगे

उन्होंने कहा कि हरियाणा व पंजाब में एफपीओ बनाकर किसानों को फसल चक्र के बारे में बताया जाएगा। किसानों की लागत कम हो और उत्पादन अधिक मिले तभी उनकी आमदनी दोगुनी हो सकती है।

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