स्वच्छता की कसौटी पर कसे गए तो मिली कमियां ही कमियां

स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 की कसौटी पर शहर की स्वच्छता को कसा गया तो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Nov 2021 08:08 PM (IST) Updated:Mon, 22 Nov 2021 08:08 PM (IST)
स्वच्छता की कसौटी पर कसे गए तो मिली कमियां ही कमियां
स्वच्छता की कसौटी पर कसे गए तो मिली कमियां ही कमियां

जागरण संवाददाता, करनाल : स्वच्छ सर्वेक्षण-2021 की कसौटी पर शहर की स्वच्छता को कसा गया तो पहले की तुलना में स्तर खासा नीचे गिर गया। देश में 17वें स्थान से करनाल सीधे 86वें स्थान पर लुढ़क गया। स्वच्छता के निर्धारित मापदंड को कायम रखने में हम सफल नहीं हो सके तो स्वच्छता के अलग अलग मापदंडों में हमारी कमियां भी ज्यादा रह गईं। अलबत्ता परिणाम में करनाल को गोल्ड अनुपम मिलने से कुछ हद तक यह जरूर माना गया कि अभी भी स्वच्छता के लिहाजा से अपना शहर अन्य शहरों की तुलना में ठीक है। ------------------------ आधे हुए कर्मचारी तो रैंकिग धड़ाम नगर निगम में पहले ठेका प्रथा के तहत सफाई कर्मचारी रखे जाते थे। शहर की सफाई को भी चार जोन में बांटा हुआ था। लेकिन करीब दो साल पहले नगर निगम में ठेका प्रथा को समाप्त कर दिया गया। कर्मचारियों को पैरोल पर रख लिया गया। ठेका प्रथा के तहत 1400 सफाई कर्मचारी थे, लेकिन अब यह संख्या घटकर 750 रह गई है। इससे नाइट स्वीपिग भी असर पड़ा तो कचरे का उठान भी समय पर नहीं हो पा रहा है। ------------------------

मापदंड नहीं रख पाए कायम स्वच्छ सर्वेक्षण के कुछ पैरामीटर निर्धारित किए गए थे। इनमें वार्डो से निकलने वाले कचरे का 75 प्रतिशत से अधिक निस्तारण किया जाए। कुल कचरे की 81 प्रतिशत से अधिक निस्तारण क्षमता रखी जाए। सूखे कचरे का भी 81 प्रतिशत से अधिक निस्तारण व क्षमता, सीएनडी वेस्ट का 40 प्रतिशत से अधिक निस्तारण, कुल कचरे या वेस्ट का अधिक्तम 15 प्रतिशत लैंडफिल में जाना तथा ओडीएफ प्लस-प्लस शामिल थे। इन मापदंड में भी हम अधिकतर पर हम अपनी पिछली पोजिशन कायम नहीं रख सके। ------------------------

लगातार अच्छे प्रदर्शन के बाद बड़ी निराशा स्वच्छ सर्वेक्षण में करनाल निगम का प्रदर्शन साल दर साल सुधर रहा था लेकिन इस साल खराब प्रदर्शन से बड़ी निराशा हुई। कहां करनाल टाप टेन शहरों में आने का सपना संजोए था और कहां रैकिग गिरकर 86वें नंबर पर पहुंच गई। स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 के तहत एक से दस लाख आबादी के शहरों की राष्ट्रीय सूची में करनाल 17वें स्थान पर था। 2019 में 24वें स्थान पर रहा था। 2018 में 41वें स्थान पर था। 2017 में करनाल 65वें स्थान पर आया था।

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4320 शहरों में 86वें नंबर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामले मंत्रालय की ओर से फरवरी 2021 में देश के 4320 शहरों का सर्वेक्षण किया गया था। इनमें एक से 10 लाख तक की आबादी के शहर लिए गए थे। लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए करनाल को गोल्ड अवार्ड के लिए चुना गया। चार हजार से ज्यादा शहरों की रेस में करनाल 86वें स्थान पर आया। ------------------------

फोटो----37 नंबर है। संकल्प लेकर आगे बढ़ेंगे, टाप टेप में आए शहर-मेयर मेयर रेणु बाला गुप्ता ने कहा कि रैकिग नीचे जाने को लेकर कई वजह रही है। अलबत्ता कमियों को दूर करते हुए यह संकल्प लेकर स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई है कि हम अब टाप टेन शहरों में शुमार होंगे। इसके लिए रणनीति बनाई जा रही है। अधिकारियों की भी विशेष बैठक बुलाई जाएगी। ------------------------

फोटो----31 नंबर है। प्रत्येक मापदंड पर उतरेंगे खरे-धीरज कुमार उप नगर निगम आयुक्त धीरज कुमार का कहना है कि पिछले प्रदर्शन हुए अनुभव के आधार पर कमियों को दूर किया जाए। सर्वेक्षण के निर्धारित तमाम मापदंडों पर बारीकी से काम किया जाएगा। स्वच्छता को लेकर जनता का सहयोग भी लिया जाएगा। जनभागीदारी के साथ हम फिर स्वच्छता के मामले में देश के चुनिदा शहरों में शामिल होंगे। ------------------------

स्वच्छता को लेकर शपथ फोटो----33 नंबर है। डीएवी कालेज के प्रिसिपल डा. रामपाल सैनी ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की शपथ ली। उन्होंने कहा कि वह यह संकल्प लेते हैं कि कालेज के विद्यार्थी स्वच्छ सर्वेक्षण में भागीदारी अदा करेंगे। जन सहयोग से करनाल को टाप टेन शहर में शामिल किया जा सकता है। नगर निगम अपनी तैयारियों में लग जाएगा तो जनता का यह कर्तव्य है कि वह उनके कार्य में सहयोग करे।

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