छह बार एसपी से लगाई गुहार तो मिलता रहा आश्वासन
गांव बीड़ बडालवा में हमला व छेड़छाड़ का आरोपित परिवार करीब दो माह से न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। छह बार एसपी गंगा राम पूनिया से मुलाकात के बावजूद भी न्याय नहीं मिला तो मंगलवार को दूसरी बार जिला सचिवालय का मुख्य गेट घेर लिया और धरना शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, करनाल : गांव बीड़ बडालवा में हमला व छेड़छाड़ का आरोपित परिवार करीब दो माह से न्याय के लिए दर-दर भटक रहा है। छह बार एसपी गंगा राम पूनिया से मुलाकात के बावजूद भी न्याय नहीं मिला तो मंगलवार को दूसरी बार जिला सचिवालय का मुख्य गेट घेर लिया और धरना शुरू कर दिया और जमकर नारेबाजी की। करीब चार घंटे तक धरने के बाद वे वापस लौटे। धरने पर बैठे लखबीर सिंह सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि सात अक्टूबर को वह दुकान से घर जा रहा था। उसी समय गांव के ही आरोपित संजय ने उसे रोक लिया और कुछ कहने लगा। उसी दौरान संजय का बेटा राहुल आया और उसने उसे डंडे से वार कर दिया। जिसमें वह घायल हो गया। इसके बाद अन्य आरोपित भी आ गए और घर में पहुंचकर उनकी पत्नी सतविद्र कौर, बलकार सिंह, फकीर सिंह, आशा रानी, अमित, गुरमीत के साथ भी जमकर मारपीट की तो पत्नी के साथ छेड़छा भी की। बाद में जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। उन्होंने बताया कि आरोपितों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया, लेकिन पुलिस आज तक भी सभी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई। वे न्याय की गुहार लेकर अब तक पुलिस अधीक्षक के समक्ष छह बार पहुंच चुके हैं, लेकिन हर बार आश्वासन ही मिला है। परेशान होकर उन्होंने करीब एक माह पहले भी जिला सचिवालय गेट पर धरना दिया था, जहां डीएसपी जगदीप दून ने दो दिन में कार्रवाई करने का भरोसा दिया था और वे अपने घर लौट गए थे, लेकिन आज तक भी पुलिस सभी आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। उन्होंने आरोप लगाए कि पुलिस जानबूझकर आरोपितों को बचाने में लगी है और वे धरना देने को मजबूर हुए हैं। उधर मंगलवार को फिर डीएसपी जगदीप दून उन्हें मनाने के लिए धरने पर पहुंचे, लेकिन पीड़ित परिवार ने धरना छोड़ने से इंकार कर दिया। इसके करीब दो घंटे बाद वे धरने से उठकर चले गए।
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एक आरोपित विदेश फरार होने की फिराक में : अमित
पीड़ित परिवार के साथ धरना दे रहे एडवोकेट अमित तंवर ने कहा कि पुलिस जानबूझकर आरोपितों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। अब तक जो भी आरोपित गिरफ्तार किए गए हैं, वे भी पीड़ित परिवार के प्रयासों से ही हुए हैं। एक आरोपित विदेश फरार होने के प्रयास कर रहा है और पुलिस को बताए जाने के बावजूद भी उसे गिरफ्तार नहीं किया जा रहा।