मोहब्बत का मैं शायर हूं, मुझे नफरत से क्या लेना..

सेक्टर 13 में स्थित आर्य समाज मंदिर में साहित्यकार समाजसेवी व शिक्षाविद मनोज गौतम की स्मृति में सम्मान समारोह व काव्य पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद मदन गुलाटी ने की। मुख्य अतिथि स्वर्गीय मनोज गौतम की पत्नी सुशीला गौतम व उनके भाई अमन गौतम रहे।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 10:21 PM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 10:21 PM (IST)
मोहब्बत का मैं शायर हूं, मुझे नफरत से क्या लेना..
मोहब्बत का मैं शायर हूं, मुझे नफरत से क्या लेना..

करनाल (विज्ञप्ति): सेक्टर 13 में स्थित आर्य समाज मंदिर में साहित्यकार, समाजसेवी व शिक्षाविद मनोज गौतम की स्मृति में सम्मान समारोह व काव्य पाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता शिक्षाविद मदन गुलाटी ने की। मुख्य अतिथि स्वर्गीय मनोज गौतम की पत्नी सुशीला गौतम व उनके भाई अमन गौतम रहे।

करनाल साहित्यिक मंच द्वारा जून में कविता लेखन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। जिसमें विजयी छात्रों को इस सम्मान समारोह में मनोज गौतम के परिजनों को सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में 9-14 आयु वर्ग के प्रतिभागियों में मानवी राणा प्रथम, उर्वशी राणा द्वितीय और तेजस्वी वर्मा तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार 15-18 वर्ग में पूजा प्रथम, प्रदीप शर्मा द्वितीय और महक तीसरे स्थान पर रहीं।

अमन गौतम ने कहा कि मनोज गौतम एक विचार थे और विचार कभी मरा नहीं करते। वे समाजहित के कार्यों में बढ़-चढ़ कर भाग लेते थे। हम उनके विचारों को आगे लेकर चलेंगे, समाज के लिए मनोज गौतम की तरह ही हम कार्य करते रहेंगे।

करनाल साहित्यिक मंच के संरक्षक अशोक भाटिया ने मंच की ओर से आश्वासन दिलाया कि मनोज गौतम की अप्रकाशित रचनाओं को पुस्तक रूप देने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। काव्य पाठ करते हुए जयदीप तुली ने कहा वतन की बात करता हूं, मुझे मजहब से क्या लेना, मोहब्बत का मैं शायर हूं, मुझे नफरत से क्या लेना। डा. वनिता चोपड़ा ने कहा कि कुछ लोग फूलों-सा जीवन पाते हैं, टूटकर टहनियों से खुशबू बिखेर जाते हैं। गुंजन भटनागर ने कहा कि साहित्य मंच करनाल एक कुसमित होता सुवासित-सा गुलदस्ता है।

सतविद्र कुमार राणा ''बाल'' ने कहा अपनों का अपनों से डर देखा है, हमने ऐसा भी एक मंजर देखा है। कर्मजीत गौतम ने अपनी बात कुछ ऐसे कही सुनो, ये बुरा दौर यूं ही बीत जाएगा। तुम बस हिम्मत न हारना। रोजलीन के शब्दों में शिकायत महसूस हुई। उन्होंने कहा कितनी अजीब होती है ये सभ्य समाज में सभ्य लोगों की सभ्य भाषा! राजवीर वर्मा ने अपनी हरियाणवी रचना के माध्यम से पूरे हरियाणा के दर्शन करवा दिए। डा. कांता वर्मा ने मनोज गौतम को समर्पित मार्मिक कविता प्रस्तुत कर सबको भावुक कर दिया। साहित्यकार कृष्ण गम्भीर ने भी रचना पाठ किया व रेखा राणा ने शेर और ड्रैगन शीर्षक से कविता पढ़ी। कार्यक्रम के अध्यक्ष मदन गुलाटी ने पढ़ी गई कविताओं की प्रशंसा करते हुए कविता लेखन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। डा. अशोक भाटिया ने भी रचना कर्म पर को समझाते हुए अपने विचार रखे। उन्होंने मौलिक चितन एवं कविता में नएपन पर जोर दिया। प्रतियोगिता में सम्मानित विद्यार्थियों साहिल, मानवी राणा, तेजस्वी वर्मा व पूजा ने काविता पाठ भी किया। मंच संचालन राधेश्याम भारतीय द्वारा किया गया।

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