मौसम की करवट से बढ़ी किसानों, आढ़तियों और मिलर्स के दिलों की धड़कनें

मौसम की करवट ने किसानों और आढ़तियों की धड़कनों को बढ़ा दिया है। चूंकि मंडी में दो दिन के लिए आवक को बंद कर दिया है इसलिए धान की लिफ्टिग का काम जोरों पर किया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 06:27 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 06:27 AM (IST)
मौसम की करवट से बढ़ी किसानों, आढ़तियों और मिलर्स के दिलों की धड़कनें
मौसम की करवट से बढ़ी किसानों, आढ़तियों और मिलर्स के दिलों की धड़कनें

संवाद सहयोगी, घरौंडा : मौसम की करवट ने किसानों और आढ़तियों की धड़कनों को बढ़ा दिया है। चूंकि मंडी में दो दिन के लिए आवक को बंद कर दिया है इसलिए धान की लिफ्टिग का काम जोरों पर किया जा रहा है। मंडी में जलभराव वाले प्वाइंटों से धान की बोरियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है, ताकि बारिश होने पर ज्यादा नुकसान ना हो। मंडी प्रबंधन की माने तो अभी तक 70 फीसद धान की लिफ्टिंग हो चुकी है और सोमवार को भी अधिकतर धान की बोरियों को लिफ्ट कर लिया जाएगा।

बीते दिनों धान की भारी आवक ने जहां मंडी को चोक कर दिया, वहीं धान लेकर पहुंची ट्रैक्टर-ट्रालियों ने सड़कों को जाम कर दिया था। ट्रैक्टर-ट्रालियां कई-कई घंटों तक लाइनों में लगने के बाद मंडी तक पहुंच रही थी लेकिन मंडी में धान डालने की जगह किसानों को नहीं मिल रही थी। जिसको देखते हुए आढ़ती एसोसिएशन ने रविवार और सोमवार को मंडी बंद करने का फैसला लिया। रविवार को मंडी में पूरा दिन ट्रकों और ट्रैक्टर-ट्रालियों में धान की बोरियों को लादने का सिलसिला चलता रहा। बूंदाबांदी ने किसानों, आढ़तियों व मिलर्स के माथे पर सिकन ला दी।

मंडी एसोसिएशन के प्रधान रामलाल गोयल, सचिव सुरेश मित्तल ने बताया कि मौसम खराब है और प्रयास किया जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लिफ्टिग का कार्य हो सके। सुबह से लेकर अब तक करीब दो लाख से ज्यादा कट्टे उठाए जा चुके हैं और अगर मौसम ठीक रहा तो सोमवार को भी इसी तरह से लिफ्टिग होगी और जब मंगलवार को किसान धान लेकर मंडी में पहुंचेंगे तो उन्हें मंडी में काफी स्पेस मिल जाएगा। अनुमानित 20 से 25 वाहन प्रति घंटे लोड होकर निकल रहे है। किसानों को सूचना दे दी गई थी कि दो दिन मंडी में धान लेकर ना आए और किसान आज आए भी नहीं। वहीं किसान भी खेतों में खड़ी अपनी फसल को लेकर चितित है। अगर भारी बारीश होती है तो किसानों को मोटा नुकसान झेलना पड़ेगा।

ट्रालियों और फड़ो पर ढकी गई तिरपाल

बरसात से धान को बचाने के लिए तिरपाले ढकी जा रही हैं। कुछ ट्रालियों में से धान नहीं उतारी गई और उन ट्रालियों को ही धान समेत ढक दिया है। इसके अलावा खुले में पड़ी धान पर भी तिरपाल लगा दी गई है और मार्केट कमेटी कार्यालय व केंटीन के पास से बोरियों को जल्द से जल्द उठाया जा रहा, क्योंकि यहीं पर सबसे ज्यादा बरसाती पानी एकत्रित होता है। वहीं मार्केट कमेटी सचिव अशोक शर्मा ने बताया कि मंडी में लिफ्टिग का कार्य जोरों पर किया जा रहा है। इसके अलावा मंडी से बरसाती पानी जल्द से जल्द निकाला जा सके, इसके लिए डिस्पोजल की दूसरी मोटर को भी ठीक करवा दिया गया है।

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