कल और परसों बरसात के साथ ओलावृष्टि की संभावना
मौसम बदलाव लगातार जारी है। सोमवार दोपहर बाद जिले में विभिन्न जगहों पर बूंदाबांदी के साथ हल्की ओलावृष्टि भी हुई। निगदू क्षेत्र में पांच मिनट की ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी, इसके बाद बादल छंट गए। अधिकतम तापमान गिरावट के साथ 19.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह के समय नमी की मात्रा 90 फीसद दर्ज की गई जो शाम को घटकर 71 फीसद रही। हवा 6.8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली।
जागरण संवाददाता, करनाल : मौसम बदलाव लगातार जारी है। सोमवार दोपहर बाद जिले में विभिन्न जगहों पर बूंदाबांदी के साथ हल्की ओलावृष्टि भी हुई। निगदू क्षेत्र में पांच मिनट की ओलावृष्टि ने किसानों की चिंता बढ़ा दी, इसके बाद बादल छंट गए। अधिकतम तापमान गिरावट के साथ 19.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान 8.6 डिग्री सेल्सियस रहा। सुबह के समय नमी की मात्रा 90 फीसद दर्ज की गई जो शाम को घटकर 71 फीसद रही। हवा 6.8 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली।
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में बादल छा सकते हैं। 20 व 21 फरवरी को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी के साथ ओलावृष्टि हो सकती है।
¨चतित हुए किसान
मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि 20 व 21 फरवरी को भी प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बरसात के साथ ओलावृष्टि हो सकती है, जिससे किसानों ¨चतित हो गए हैं। यदि इस समय बरसात होती है तो सरसों के साथ-साथ गेहूं की फसल पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा सब्जियों की फसलों को भी नुकसान हो सकता है। फरवरी माह में इस बार मौसम में कई उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहे हैं।
इस वर्ष अभी तक 72.6 एमएम बरसात
इस बार मौसम के मिजाज से जहां किसान ¨चतित हैं वहीं बरसात से किसानों को फायदा भी हुआ है। एक जनवरी से अब तक 72.6 एमएम बरसात दर्ज की जा चुकी है। जो गेहूं की फसल के लिए रामबाण साबित हुई है। हालांकि अब फरवरी माह में ओलावृष्टि से किसान ¨चतित हैं।