नियमों को दरकिनार धान खरीद में मनमर्जी बरकरार

संवाद सूत्र, निगदू निगदू अनाज मंडी में हो रही धान की सरकारी खरीद के लिए सवाल उठाना शुरू

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Oct 2018 07:13 PM (IST) Updated:Wed, 03 Oct 2018 12:49 AM (IST)
नियमों को दरकिनार धान खरीद में मनमर्जी बरकरार
नियमों को दरकिनार धान खरीद में मनमर्जी बरकरार

संवाद सूत्र, निगदू

निगदू अनाज मंडी में हो रही धान की सरकारी खरीद के लिए सवाल उठाना शुरू हो गए हैं। मोटे धान का सरकार ने 1750 से 1770 रुपये प्रति क्विंटल तक रेट निर्धारित किया है, लेकिन कुछ किसानों ने आरोप लगाया कि उनकी धान को न्यूनतम समर्थन मूल्य पूरा नहीं मिल रहा है। निगदू अनाज मंडी में करीब एक सप्ताह से मोटे धान की आवक तेजी से आ हो रही है। मंडी में अब तक लगभग 15 हजार क्विंटल मोटे धान की आवक आ चुकी है। मंगलवार को मंडी में सरकारी खरीद न होने पर प्राइवेट राइस मिलर्स ने औने-पौने दामों में खरीदारी की। दोपहर के बाद खरीद एजेंसियों को आदेश देने पर खरीद शुरू की गई। एक सप्ताह से प्राइवेट राइस मिलर अपनी मनमर्जी के अनुसार रेट लगाकर किसानों के पीले सोने को खरीद रहे हैं। इससे क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर मायूसी है।

किसानों की दुख भरी कहानी सुनने के लिए कोई आगे आने के लिए तैयार नहीं है। निगदू अनाज मंडी एसोसिएशन के प्रधान ओम प्रकाश कैरा ने खरीद एजेंसियों और प्राइवेट राइस मिलर पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंडी में डीएफएससी और हैफेड की दो खरीद एजेंसी है। मंडी प्रधान ओम प्रकाश कैरा ने बताया कि खरीद एजेंसियों की ओर से भी किसानों को लूटा जा रहा है। अधिकारियों और खरीद एजेंसी को दिए आदेश : चेयरमैन

मार्केट कमेटी निगदू के चेयरमैन जयपाल सावंत ने कहा कि जिस समस्या के लिए मार्केट कमेटी कार्यालय में अनाज मंडी में धान की खरीद करने वाली मौजूद एजेंसी के आला अधिकारियों और मंडी एसोसिएशन के साथ बैठक की गई। जिसमें खरीद एजेंसियों को सही मूल्य और समय पर खरीद करने के लिए आदेश दिए गए। मंडी में खरीद ना होने की सबसे बड़ी समस्या क्षेत्र में राइस मिलर न होने की है।

chat bot
आपका साथी