नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से वसूली जा रही फीस
प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले की सुविधा को अनदेखा किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, करनाल : प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में दाखिले की सुविधा को अनदेखा किया जा रहा है। विभाग के आलसी रवैये के कारण निजी स्कूलों में 134ए के तहत दाखिल विद्यार्थियों से मनमानी फीस वसूली जा रही है। कोरोना संक्रमण के चलते नियम-134 के तहत दाखिले नहीं लिए गए जबकि वर्ष-2019 और इससे पहले हुए दाखिल विद्यार्थियों को निजी स्कूलों में जिले के हजारों बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल संचालकों की मनमर्जी के चलते आर्थिक तौर से कमजोर अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा की चिता सताने लगी है। शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं ले रहे सुध
नियम-134ए के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों की जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। वर्ष-2019 में जिले में कक्षा दो से 12वीं में दाखिले के लिए नियम-134ए की परीक्षा में 3324 बच्चों ने क्वालीफाई किया था। दाखिले के दौरान भी काफी मामले सामने आए जब नियम-134ए परीक्षा क्वालीफाइ करने के बावजूद निजी स्कूलों की तरफ से बच्चों को दाखिले के लिए भटकाया गया। कोरोना संक्रमण के बाद स्कूलों में शिक्षा प्रभावित हई और विभाग ने भी ऐसे बच्चों की सुध नहीं ली। नतीजन अब स्कूल खुलने पर ऐसे विद्यार्थियों से स्कूल अपने नियम के अनुसार फीस मांग रहा है। निजी स्कूल ने थमाई 18 हजार रुपये की पर्ची
इंद्री रोड स्थित निजी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी के अभिभावकों ने बताया कि तीन साल पहले बेटे ने नियम-134ए के तहत दाखिला लिया था और सरकार की तरफ से दी जाने वाली सुविधा के अनुसार पढ़ाई चल रही थी। अब स्कूल खुलने पर प्रबंधन की तरफ से 18 हजार रुपये फीस की पर्ची थमाई है, जबकि उनकी आर्थिक हालात कमजोर हैं। इस संबंध में शिक्षा अधिकारियों को भी सूचित किया है लेकिन अभी तक बेटा स्कूल नहीं जा पा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने बताया कि निजी स्कूलों में नियम-134ए के तहत पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों से अधिक फीस वसूली की शिकायतें मिल रही हैं। विभाग की ओर से टीम गठित कर संबंधित स्कूलों में जांच की जाएगी। अगर किसी अभिभावक की उनके पास शिकायत आती है तो संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। नियम-134ए के तहत पढ़ने वाले विद्यार्थियों को नियमानुसार ही स्कूलों में पढ़ाई करवाई जाएगी और ऐसे बच्चों की फीस सरकार की ओर से दी जाती है।