चकबंदी पीड़ित पांच गांवों के सैकड़ों किसान कमिश्नर और डीसी से मिले
चकबंदी का दंश झेल रहे पांच गांवों के किसानों को सरकार ने थोड़ी सी राहत देते हुए चकबंदी रिकॉर्ड में क¨टग ओवरराइ¨टग भ्रष्टाचार और फ्राड करने वाले तीन अधिकारियों समेत 13 भू-माफियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी किसी भी अधिकारी और भूमाफिया की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
किसानों ने कहा-जबरदस्ती कब्जा किया तो परिवार सहित खाली खेतों में कर लेंगे आत्मदाह
जागरण संवाददाता, करनाल : चकबंदी का दंश झेल रहे पांच गांवों के किसानों को सरकार ने थोड़ी सी राहत देते हुए चकबंदी रिकॉर्ड में क¨टग, ओवरराइ¨टग, भ्रष्टाचार और फ्राड करने वाले तीन अधिकारियों समेत 13 भू-माफियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी किसी भी अधिकारी और भूमाफिया की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पीड़ित किसानों ने शुक्रवार को करनाल मंडल के आयुक्त और उपायुक्त से मुलाकात की। किसानों ने कहा कि सीएम ने मामले की जांच के आदेश विजिलेंस को दिए थे। विजिलेंस ने पाया कि पूरे रिकॉर्ड में चकबंदी अधिकारियों ने मोटी रकम लेकर गांव कैरवली, अमृतपुर कलां व अमृतपुर खुर्द के भूमाफियों को लाभ पहुंचाया है। गांव कालरम, अराईपुरा, भरतपुर, लालुपुरा, और अमृतपुर कलां के गरीब किसानों की खरीदी हुई जमीन इन भूमाफियों के नाम कर दी थी। विजिलेंस चौकसी ब्यूरो ने यह पर्दाफाश 10 दिन पहले कर दिया था और इन सब अधिकारियों और भूमाफियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। एफआरआइ कॉपी में तीन चकबंदी अधिकारी और 10-12 दिन बीत जाने के बाद भी मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। किसानों ने कहा है कि जांच भी अधूरी हुई है। जिन किसानों के खिलाफ मुकदमे दर्ज हुए हैं। उनमें से आधे किसानों की मौत हो चुकी है। सरकार उनको कैसे गिरफ्तार करेगी। किसानों ने सीबीआइ जांच की मांग की है।
किसान राजबल राणा, नकली ¨सह राणा, कुलबीर राणा, अकल ¨सह राणा व नरेन्द्र मराठा ने सरकार से मांग की है कि इन सबके नाम सभी इस एफआइआर में जोड़े जाए व इनके रिकॉर्ड की जांच की जाए।
भूमाफिया पीड़ित किसानों की जमीन पर प्रशासन के साथ मिलकर पीड़ित किसानों की जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है। लेकिन किसानों ने कहा है कि उनका ये सपना कभी भी पूरा नहीं होगा, चाहे इसके लिए पीड़ित पांच गांव के किसानों ने अपने पूरे परिवार के साथ अपनी जमीन के लिए आत्मदाह करना पड़ें, तो भी हम पीछे नहीं हटेंगे। प्रदीप कालरम ने कहा है कि इसकी जांच तुरंत सीबीआइ से कराई जाए।
इस मौके पर चकबंदी सह संयोजक राजबल राणा भरतपुर, जल ¨सह राणा, कृष्ण मराठा, सतपाल मराठा, ईश्वर जोगी, अनिल जोगी, पहल ¨सह जोगी, बलवान इंद्र ¨सह, बलबीर चौहान, हरपाल ¨सह, अनिल चौहान, केशव पंडित व जयपाल शर्मा उपस्थित थे।