पूरा सीजन पोर्टल की खामियों में जूझते रहे जिले के किसान, अंतिम चरण में फिर रुलाया

रबी के सीजन में किसानों की सुविधाओं के लिए बनाया ऑनलाइन पोर्टल मार्केट मंडी बोर्ड आढ़तियों और किसानों के लिए सिरदर्द बना रहा है। सरकार के आदेशों को कागजों में गुलाबी दिखाने के लिए प्रशासन लगातार सुविधा का ढिढोरा पीटता रहा। ऑनलाइन सुविधाओं के बावजूद जिले के लगभग 900 किसान अपनी गेहूं के भुगतान को भटक रहे हैं और वीरवार फिर पोर्टल की खामी किसानों पर हावी दिखाई दी। मार्केट मंडी बोर्ड की सूचना के अनुसार किसान गेहूं बिक्री के लिए सुबह मंडी में ट्रालियों के साथ पहुंच गए थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 06:25 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 06:25 AM (IST)
पूरा सीजन पोर्टल की खामियों में जूझते रहे जिले के किसान, अंतिम चरण में फिर रुलाया
पूरा सीजन पोर्टल की खामियों में जूझते रहे जिले के किसान, अंतिम चरण में फिर रुलाया

जागरण संवाददाता, करनाल : रबी के सीजन में किसानों की सुविधाओं के लिए बनाया ऑनलाइन पोर्टल मार्केट मंडी बोर्ड, आढ़तियों और किसानों के लिए सिरदर्द बना रहा है। सरकार के आदेशों को कागजों में गुलाबी दिखाने के लिए प्रशासन लगातार सुविधा का ढिढोरा पीटता रहा। ऑनलाइन सुविधाओं के बावजूद जिले के लगभग 900 किसान अपनी गेहूं के भुगतान को भटक रहे हैं और वीरवार फिर पोर्टल की खामी किसानों पर हावी दिखाई दी। मार्केट मंडी बोर्ड की सूचना के अनुसार किसान गेहूं बिक्री के लिए सुबह मंडी में ट्रालियों के साथ पहुंच गए थे। सीजन के अंतिम चरण में जहां आसमान ने बेरुखी दिखाई वहीं ऑनलाइन सिस्टम ने भी किसानों को दर्द दिया। सुबह 9 बजे से खड़े किसानों को गेट पास के लिए 12.18 बजे तक परेशान होना पड़ा जबकि लगभग 11 बजे मौसम का मिजाज बिगड़ने पर बरसात में गेहूं संभाल में मुश्किल हुई।

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एक सप्ताह से टूटी तारों को ठीक नहीं किया गया

तेज आंधी के कारण एक सप्ताह पहले मंडी के मुख्य गेट पर खंभा गिरने से तारों का जाल गेटपास केबिन के दरवाजे के आगे झूलता दिखाई दिया। बिजली की तारों के साथ इंटरनेट का कनेक्शन भी टूट गया था। मंडी अधिकारियों के हालात ऐसे हैं कि 24 घंटे पहले खरीद की सूचना मिलने के बावजूद गेट पास काटने का ट्रायल तक नहीं लिया गया जिसके चलते वीरवार को अचानक सुबह हकलान की स्थिति बन गई। तीन घंटे तक सिस्टम डाउन का तर्क देने के बाद कर्मचारियों ने अपने मोबाइल फोन का डाटा प्रयोग कर पोर्टल पर गेटपास काटने शुरू किए।

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पहले गेहूं बेचने के लिए भटके अब राशि के लिए : जसपाल

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अमृतपुर खुर्द के प्रशांत ने बताया कि खरीद शुरू होने से पहले ऑनलाइन पोर्टल रजिस्ट्रेशन के लिए भटकना पड़ा। सीजन के दौरान भी पोर्टल की खामी के चलते वह मंडी में गेहूं नहीं लेकर पहुंच सके। किसानों की मांग पर आज गेहूं बिक्री के जब पहुंचे तो फिर पोर्टल का बहाना बनाकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। इसी तरह दरड़ के जसपाल सिंह ने बताया कि ऑनलाइन सुविधा के नाम पर किसानों को केवल भटकाया जा रहा है। सभी दस्तावेज जमा करवाने के बावजूद खातों में राशि नहीं पहुंच रही और मंडी में गेटपास नहीं कर रहे हैं। मार्केट मंडी बोर्ड अधिकारी भी ऑनलाइन की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। पूरा सीजन पोर्टल की खामियों के चलते किसानों को केवल सिरदर्दी मिली है।

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शाम छह बजे तक दस हजार क्विंटल गेहूं की आवक

करनाल अनाज मंडी में वीरवार को शाम छह बजे तक लगभग दस हजार क्विटल गेहूं की आवक हुई। मार्केट मंडी बोर्ड सचिव हकीकत कादियान ने बताया कि बुधवार को आढ़तियों के पास पडे स्टॉक की खरीद की गई थी। विभाग के आदेश पर वीरवार को नए गेट पास काटे गए। सुबह पोर्टल की गति धीमी होने के कारण गेट पास काटने में परेशानी हुई, लेकिन दोपहर बाद गेट पास काटने में तेजी लाई गई। दूसरे राज्य की गेहूं की आवक से बचाव के लिए सतर्कता के चलते वीडियोग्राफी के साथ-साथ किसानों के आधार कार्ड भी जांचे गए। शाम छह बजे तक लगभग दस हजार क्विंटल गेहूं की आवक हो चुकी थी। -------बॉक्स-----

घीड़ अनाज मंडी में 1800 क्विंटल गेहूं की खरीद

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संवाद सूत्र, गढ़ी बीरबल : गेहूं बिक्री के साथ ही किसानों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। किसान अशोक कुमार ने बताया कि मंडी में खरीद शुरू होने से राहत है लेकिन यहां गेट पास नहीं दिया जा रहा है। खुद की गेहूं का भी प्रमाण देने के लिए उलझना पड़ा और काफी देर तक इंतजार करवाई गई। किसान विजय कुमार ने बताया कि गेट पास कटवाने में बहुत दिक्कत आ रही है। किसान के आधार कार्ड के साथ-साथ ड्राइवर का आधार कार्ड भी देख रहे हैं। कई बार किसान को अपनी गेहूं किराए के ट्रेक्टर-ट्राली पर लानी पड़ती है। इसके चलते ड्राइवर का आधार कार्ड फिर से जाकर लाना पड़ रहा है। घीड़ मंडी सुपरवाइजर धीरज कुमार ने बताया कि 28 अप्रैल के बाद आज गेट पास कटने शुरू हुए हैं और मौके पर आधार कार्ड देखे जा रहे है। सरकार के निर्देशानुसार कार्य हो रहा है। शाम 5 बजे तक 1800 क्विंटल गेहूं की खरीद हो गई है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही खरीद की जा रही है। -----बॉक्स-----

इंद्री अनाज मंडी में अधिकारियों और किसानों में गेटपास को लेकर बहसबाजी फोटो 30 संवाद सहयोगी, इंद्री : अनाजमंडी में गेट पास नहीं काटे जाने से खफा किसानों व आढतियों ने रोष प्रकट किया। इस दौरान किसान यूनियन के कई सदस्य भी पहुंच गए। किसान पहले से मंडी में आ आई गेहूं के गेट पास काटने की मांग पर अड़े रहे। मंडी प्रशासन व किसानों के साथ काफी देर चली बातचीत सिरे नहीं चढी तो उच्चाधिकारियों से भी बात की गई। सुबह से ही मंडी के बाहर गेहूं से लदे ट्रेक्टर-ट्रालियों की लंबी कतारे लग गई लेकिन पोर्टल सही समय पर चालू नहीं हो सका। किसान इस बात पर अड़ गए थे कि 29 अप्रैल के बाद जो गेहूं मंडिय़ों में बिना गेट पास के आया है पहले उसके गेट पास काटे जाएं, फिर वीरवार को आए गेहूं के गेट पास काटे जाएं।

भाकियू चढूनी के पदाधिकारी एवं वरिष्ठ किसान नेता रामपाल चहल व मनजीत चौंगावा ने कहा कि मार्केट मंडी बोर्ड की कमजोर कार्यप्रणाली के चलते किसानों को परेशानी हो रही है। इस मौके पर किसान नेता सतीश कलसौरा, राहुल, रोकी, प्रवीण, सुरेन्द्र, श्याम, काकू, संदीप, सुरेश मौजूद थे। अनाजमंडी एसोसिएशन इंद्री के प्रधान सतपाल बैरागी ने कहा कि मंड़ी में आज भी लगभग आठ हजार क्विटल गेहूं बकाया है जिसकी सरकारी खरीद नहीं हो सकी है। यह मंड़ी प्रशासन की कमी है कि बिना गेट पास गेहूं को मंडी के अंदर कैसे आने दिया। काफी बहस के बाद गेट पास कटने शुरू हुए। मार्केट कमेटी के सचिव राज कुमार ने कहा कि गेहूं खरीद को लेकर कोई विवाद नहीं है और न ही मंड़ी में कोई गेहूं बकाया है। हमने कल तक का सारा गेहूं खरीद लिया है व निल रिकार्ड की रिर्पोट सरकार को भेज दी है। --------बॉक्स-------

निसिग अनाज में पांच हजार क्विटल गेहूं की खरीद

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संवाद सूत्र, निसिग : 1 अप्रैल से 15 मई तक गेहूं खरीद का समय निर्धारित है। मंडी में 30 अप्रैल के आसपास मंडियों में गेहूं आना लगभग बंद हो गई थी। जिसके बाद मंडियों में गेहूं न पहुंचने व कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते सरकार ने खरीद बंद कर दी थी। पर कुछ दिनों से आढ़ती और किसान लगातार आखिरी खरीद की मांग कर रहे थे जिस पर सरकार ने संज्ञान लेते हुए 13 मई का दिन अंतिम खरीद के लिए निर्धारित किया। मार्केट कमेटी सचिव बलवान ने बताया कि अंतिम खरीद में निसिग की अनाजमंडी में करीब 5 हजार क्विटल गेहूं की खरीद की गई जिसमें 4 हजार हेफेड और 1 हजार क्विटल डीएफएससी ने खरीद की। ------बॉक्स----

गेहूं से भरी ट्रालियों को कतारें लगने से सर्विस रोड पर लगा जाम

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संवाद सहयोगी, घरौंडा : वीडियोग्राफी के जरिये अनाज मंडी में गेहूं सीजन की अंतिम सरकारी खरीद हुई। मंडी के बाहर गेहूं से भरी ट्रालियों को लम्बी कतारें लगने से सर्विस रोड पर जाम की स्थिति रही। लगभग 12 घंटे में 224 किसान चौदह हजार क्विटल गेंहू लेकर मंडी पहुंचे। कमेटी के अनुसार वीरवार को सम्पन्न हुए सीजन में कुल 11 लाख 79 हजार क्विटल गेहूं की खरीद हुई है। काफी अटकलों के बाद की गई गेहूं की आखिरी सरकारी खरीद के साथ अनाज मंडी में गेहूं का सीजन समाप्त हो गया। सरकारी घोषणा के अनुसार एक अप्रैल से 15 मई तक गेहूं खरीद होनी थी लेकिन 1 मई से खरीद को बंद कर दिया गया था। सुबह से किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचना शुरू हो गए। मंडी गेट पर गेहूं से लदी ट्रालियों की लंबी लाइने लग गई। पोर्टल पर रजिस्टर्ड किसानों के दस्तावेज जांचने के साथ ही फसल व किसान की वीडियोग्राफी करते हुए गेट पास जारी किए गए। मार्केट कमेटी से मिली जानकारी के अनुसार अंतिम दिन 224 किसान अपनी फसल लेकर आये और चौदह हजार दस क्विटल गेहूं की आवक हुई। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर घरौंडा क्षेत्र का लगभग 56911 एकड़ का रकबा गेहूं की फसल के लिए वेरीफाई हुआ था। पोर्टल पर 7812 गेहूं उत्पादक किसानो ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। घरौंडा मंडी, मुनक व बरसत परचेज सेंटर गेंहू की खरीद की गई। सीजन के दौरान कुल 11 लाख 79 हजार क्विटल गेहूं की खरीद हुई है। मंडी में पहुंची गेहूं की उपज और पोर्टल पर रजिस्टर्ड रकबे के अनुसार गेहूं पैदावार की औसत लगभग 21 क्विटल प्रति एकड़ रहा है। घरौंडा मार्केट कमेटी सचिव अशोक शर्मा ने बताया कि एक दिन की अंतिम खरीद के साथ गेहूं का सीजन समाप्त हो गया है। वीरवार को 224 किसानों को गेट पास दिए और 14010 क्विटल की आवक हुई है। फसल लेकर आए किसानों की विडियोग्राफी करवाई गई है।

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