किसान बोले, सर डीएपी खाद नहीं मिल रहा, डीडीए ने कहा-गेहूं बुआई से पहले होगा उपलब्ध

कृषि एवं कल्याण विभाग के उप कृषि निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास ने वीरवार को हेलो जागरण कार्यक्रम के तहत किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 05:53 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 05:53 PM (IST)
किसान बोले, सर डीएपी खाद नहीं मिल रहा, डीडीए ने कहा-गेहूं बुआई से पहले होगा उपलब्ध
किसान बोले, सर डीएपी खाद नहीं मिल रहा, डीडीए ने कहा-गेहूं बुआई से पहले होगा उपलब्ध

जागरण संवाददाता, करनाल : कृषि एवं कल्याण विभाग के उप कृषि निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास ने वीरवार को हेलो जागरण कार्यक्रम के तहत किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याएं सुनी। ज्यादातर समस्याओं का मौके पर समाधान करने का प्रयास किया गया। अधिकांश फोन गेहूं के बीज के चयन व डीएपी खाद किल्लत को लेकर सामने आए। खाद किल्लत को लेकर किसानों को बताया कि 26 अक्टूबर से डीएपी खाद का वितरण शुरू हो जाएगा। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि विज्ञानिक व कृषि एवं कल्याण विभाग के अधिकारियों की सलाह से अच्छे बीज का चयन करें। उन्होंने किसानों को गेहूं बुआई के समय व फसल के बारे में विस्तार से जानकारी भी दी। प्रश्न : कुड़क गांव निवासी सुरेश ने कहा कि सर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है। गेहूं बिजाई का समय नजदीक आ गया है? उत्तर : डीडीए आदित्य प्रताप डबास ने कहा कि इस समय हरियाणा में जहां पर सरसों की बिजाई का काम चल रहा है वहां पर डीएपी की उपलब्ध कराया जा रहा है। 25 अक्टूबर के बाद खाद की गाड़ियां आनी शुरू हो जाएंगी। इसके बाद किसानों को डीएपी खाद मुहैया कराना शुरू कर दिया जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसान गेहूं बुआई के 21 दिन बाद पानी लगाएं। फसल में पांव थम जाने के बाद खरपतवार नाशक दवाईयों का छिड़काव कराएं। प्रश्न : उपलानी गांव निवासी दर्शन कुमार ने कहा-सर, गेहूं बिजाई का समय आ गया है, कौन सी वैरायटी का चुनाव करें, जो अच्छा उत्पादन दे और बीमारी रोधी भी हो?

उत्तर : डा. आदित्य प्रताप डबास ने कहा कि डीबीडब्ल्यू-222 अच्छी किस्म है, उसका चयन कर सकते हैं। अगर आपको ज्यादा जमीन में बुआई करनी है तो एक किस्म की बुआई ना करें, बल्कि दो से तीन किस्मों का चयन कर बुआई कर सकते हैं। इससे पैदावार पर असर नहीं पड़ेगा। अक्सर एक किस्म पर निर्भर रहने से बीमारी यदि आ जाती है तो किसान को नुकसान झेलना पड़ता है। एक सवाल क जवाब भी उन्होंने कहा कि सरसों की बुआई का समय 25 अक्टूबर तक का है। इससे देरी होगी तो फसल के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। प्रश्न : कुरलन गांव निवासी राजेश ने कहा, सर डीएपी के लिए मारामारी है, कब तक उपलब्ध होगा?

उत्तर : उप कृषि निदेशक डा. आदित्य प्रताप डबास ने कहा कि इफको की ओर से मुहैया कराया जाने वाला डीएपी खाद सोसायटियों के माध्यम से मुहैया कराया जाता है। जिले में 74 सोसायटियों के माध्यम से किसानों को खाद्य मुहैया कराया जाएगा। किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। बुआई के समय आसानी से खाद्य उपलब्ध होगा। प्रश्न : शाहपुर गांव निवासी प्रवेश ने कहा कि सर, हम आलू उत्पादक किसान हैं, दिन में बिजली की जरूरत होती है, लेकिन रात को दी जा रही है, कोई समाधान करें?

उत्तर : डीडीए ने कहा कि, निश्चित तौर पर आपको दिन में सिचाई की जरूरत होती है, ऐसे में डीसी साहब से बातचीत कर इस संबंध में बिजली निगम में मैसेज कराया जाएगा, ताकि आपको दिन में बिजली मुहैया कराई जाए और आलू बुआई का काम निर्बाध तरीके से हो सके। प्रश्न : कुड़क गांव निवासी गुरदर्शन सिंह ने कहा कि लहसून की किस प्रजाति की बुआई करें?

उत्तर : डा. डबास ने कहा कि इस बारे में आप जिला बागवानी अधिकारी से संपर्क करें, वहीं से आपको इस संबंध में सटीक जानकारी मिल पाएगी। प्रश्न : असंध के रत्तक गांव निवासी सतनाम ने कहा कि, सर डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रही है?

उत्तर : डीडीए ने कहा कि, गेहूं की अगेती किस्म की बुआई का समय पांच से 15 नवंबर है, इसलिए किसानों को चिता करने की जरूरत नहीं है। समय रहते बुआई के समय डीएपी मुहैया कराया जाएगा। बीते बुधवार को जिले में 16 हजार बैग आए थे, जो ब्लाक के हिसाब से आंवटित हुए थे। किसानों को उपलब्ध करा दिए गए। 25 अक्टूबर के बाद खाद की उपलब्धता शुरू हो जाएगी। प्रश्न : निसिग निवासी अजय ने कहा कि सर अच्छी किस्म के गेहूं के बीज के बारे में जानकारी दें?

उत्तर : डीडीए ने कहा कि हरियाणा बीज विकास निगम से डीबीडब्ल्यू-187 व डीबीडब्ल्यू-222 किस्मों को प्राप्त कर इनकी बुआई कर सकते हैं। दोनों ही किस्मों का अच्छा रिजल्ट है। मशीन से बुआई करेंगे तो अच्छा होगा, क्योंकि पौधे से पौधे की दूरी उचित होगी। दवाईयों का छिड़काव ठीक से होगा और गेहूं के गिरने की संभावना कम रहेगी।

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