करोड़ों रुपये के बिजली उपकरण खुले आसमान के नीचे हो रहे खराब
33 केवी सब-स्टेशन में करोड़ों रुपे की मशीनें पिछले करीब 6 माह से धूल फांक रही है। भवन के अभाव में करोड़ों रुपए की मशीनें बिना प्रयोग के ही जर्जर हो रही है। हैरानी की बात है कि इन मशीनों को फिट करने के लिए निगम की ओर से कई बार कर्मचारी भेजे जा चुके हैं।
संवाद सहयोगी, बल्ला : 33 केवी सब-स्टेशन में करोड़ों रुपे की मशीनें पिछले करीब 6 माह से धूल फांक रही है। भवन के अभाव में करोड़ों रुपए की मशीनें बिना प्रयोग के ही जर्जर हो रही है। हैरानी की बात है कि इन मशीनों को फिट करने के लिए निगम की ओर से कई बार कर्मचारी भेजे जा चुके हैं।
पावर हाउस परिसर में रखी इन दस मशीनों की सुरक्षा के लिए लगाए गए कवर अब फटकर गायब हो चुके हैं। सब-स्टेशन में कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि विभाग द्वारा अब तक भवन न बनाए जाने की वजह से खुले आसमान के नीचे रखी कई मशीनों का उपयोग अभी तक शुरू ही नहीं हो सका है। मशीन बिना प्रयोग के ही रखरखाव के अभाव में खराब हो रही है। बल्ला स्थित 33 केवी सब स्टेशन से क्षेत्र के गांव मानपुरा, मोर माजरा, गोली, डेरा पुरबिया आदि गांव को बिजली सप्लाई की जाती है। वर्ष-1989 में निगम की ओर से मशीनों के रखरखाव के लिए बनाया गया भवन वर्तमान की जरूरत के अनुसार बहुत छोटा है। जो अब जर्जर हो चुका है। पुराने भवन में ठूंस-ठूंस कर रखी गई मशीनें कभी भी कर्मचारियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। ग्रामीण कृष्ण मान, रामपाल मान, सुरेश, जसवीर, वीरेंद्र, सुनील का कहना है कि जनता के लिए तमाम योजनाएं शुरू करने का दावा सरकार करती है। जिनका पैसा देश में ईमानदारी से कमाकर टैक्स भरने वाली जनता अपने जेब से देती है। टेक्स देने वालों के पैसों से खरीदे गए उपकरणों की बर्बादी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।