अंतरिक्ष यात्री ब्रह्मांड यात्रा करते समय लगभग दो इंच हो जाते हैं लंबे : डा. पांडे

केवीए डीएवी महिला महाविद्यालय के भौतिक विभाग की ओर से छात्राओं को ब्रह्मांड की खगोलीय जानकारी के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ¨प्रसिपल डॉ. सुजाता गुप्ता ने की। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश पांडे ने शिरकत की। उनका सन 2001 में नासा में साउंड एंड एनर्जी पर रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ। डॉ. पांडे ने बताया कि अंतरिक्ष यात्री ब्रह्मांड यात्रा करते समय लगभग दो इंच लंबें हो जाते हैं। यह भी बताया कि सूर्य का मूल रूप से रंग सफेद हैं, लेकिन पृथ्वी के वातावरण के कारण उसका रंग लाल, केसरी और पीला नजर आता हैं। उन्होंने बताया कि चंद्रमा पृथ्वी से हर वर्ष 1.5 इंच दूर होता जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सूर्य के आकर की तुलना एक फुटबॉल से करें तो पृथ्वी का आकार की मटर के दाने से भी कम होगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 07:53 AM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 07:53 AM (IST)
अंतरिक्ष यात्री ब्रह्मांड यात्रा करते समय लगभग दो इंच हो जाते हैं लंबे : डा. पांडे
अंतरिक्ष यात्री ब्रह्मांड यात्रा करते समय लगभग दो इंच हो जाते हैं लंबे : डा. पांडे

जागरण संवाददाता, करनाल : केवीए डीएवी महिला महाविद्यालय के भौतिक विभाग की ओर से छात्राओं को ब्रह्मांड की खगोलीय जानकारी के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ¨प्रसिपल डॉ. सुजाता गुप्ता ने की। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में वैज्ञानिक डॉ. ओम प्रकाश पांडे ने शिरकत की। उनका सन 2001 में नासा में साउंड एंड एनर्जी पर रिसर्च पेपर प्रकाशित हुआ। डॉ. पांडे ने बताया कि अंतरिक्ष यात्री ब्रह्मांड यात्रा करते समय लगभग दो इंच लंबें हो जाते हैं। यह भी बताया कि सूर्य का मूल रूप से रंग सफेद हैं, लेकिन पृथ्वी के वातावरण के कारण उसका रंग लाल, केसरी और पीला नजर आता हैं। उन्होंने बताया कि चंद्रमा पृथ्वी से हर वर्ष 1.5 इंच दूर होता जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम सूर्य के आकर की तुलना एक फुटबॉल से करें तो पृथ्वी का आकार की मटर के दाने से भी कम होगा।

वहीं, डीएवी महिला महाविद्यालय पिहोवा की ¨प्रसिपल डॉ. कामदेव झा ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में 300 से भी अधिक छात्राओं ने बहुत दिलचस्पी से भाग लिया। इस अवसर पर भौतिक विज्ञान विभाग की अध्यक्ष रेणु मेहता, मीनू शर्मा, मीना मान, श्रुति जैन, पलक बतान, दिनेश व अजय ने सक्रिय योगदान दिया।

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